Agra. केंद्र सरकार (Central Government) के कृषि बिल (Kissan Bill) को लेकर किसानों की चल रही लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस (Congress) ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शहर कांग्रेस के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के कृषि विधेयक को निरस्त करने की मांग करने लगे। जिला मुख्यालय में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल (Governor) के नाम प्रशासनिक अधिकारी वीरेंद्र कुमार मित्तल को ज्ञापन सौंपा और कृषि विधेयकों को निरस्त करने की मांग की।
कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व के आव्हान पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष योगेश दीक्षित (Yogesh Dikshit) व प्रदेश सचिव योगेश तालान (Yogesh Tallan) के साथ भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पहुँचे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और भाजपा (BJP) सरकार को किसान विरोधी बताते हुए जमकर नारेबाजी की। कांग्रेसियों ने भाजपा शासित राज्यों में किसानों को दिल्ली जाने से रोकने भी की निंदा की। उनका कहना था कि किसान सरकार के कृषि विरोधी बिल का विरोध कर रहे हैं और विरोध करना उनका संवैधानिक अधिकार (Constitutional Right) है लेकिन भाजपा सरकार उनका यह अधिकार छीनने का काम कर रही है।
इस अवसर पर कांग्रेस जनों को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस सचिव योगेश तालान ने कहा कि देश के अन्नदाता किसानों के साथ जिस प्रकार से बीजेपी की केंद्र व प्रदेश सरकारें अत्याचार कर रही हैं, उसने तानाशाह हिटलर (Hitler) को भी पीछे छोड़ दिया है। योगेश तालान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसी भी हालत में किसानों को जो मोदी जी अपने गुजराती उद्योगपति मित्रों का गुलाम बनाने की साज़िश रच रहे हैं, उसको बर्दाश्त नहीं करेगी, संसद से लेकर सड़क संघर्ष करेगी।
शहर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार चिल्लू ने कहा कि कृषि विधेयक किसान विरोधी हैं। पूरे देश के किसान एकजुट होकर इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, लेकिन केंद्र व भाजपा की सामंतशाही सरकारों के कानों पर देश के अन्नदाता की आवाज का कोई असर नहीं पड़ रहा है। शांतिपूर्वक व गांधीवादी (Gandhian) तरीकों से विधेयकों को वापस लेने के लिए दिल्ली (Delhi) कूच कर रहे किसानों पर भाजपा शासित राज्याें में पुलिस-प्रशासन (Police Administration) ने बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया, जो लोकतंत्र (Democracy) में सीधे-सीधे स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति (Freedom of Speech) का खुला हनन है। कांग्रेसियों ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक, कृषक सशक्तिकरण व संरक्षण एवं कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार विधेयक को अविलंब निरस्त करने, किसानों के हित में डा. एमएस स्वामीनाथन की कृषि सुधार के संबंध में दी गई रिपोर्ट को लागू करने की मांग की। कांग्रेसियों ने राज्यपाल से देश के अन्नदाता किसानों को उद्योगपतियों का गुलाम बनाने से बचाने को कृषि विधेयकों को अविलंब निरस्त करने की संस्तुति राष्ट्रपति से करने की मांग की।
वरिष्ठ कांग्रेसी विनोद बंसल ने कहा कि जिस प्रकार से मोदी जी कांग्रेस के लगाए गए उद्योगों को, सरकारी संस्थाओं को बैंकों से कर्ज दिलाकर अपने प्रिय उद्योगपति मित्रों को बेच रहे हैं, उससे स्पष्ट हो गया है कि देश एक बार फिर से गुलामी की ओर बढ़ रहा है, मोदी जी देश के सबसे ताकतवर स्तम्भ किसानों के कृषि क्षेत्र को भी अडानी अम्बानी के हाथों बेचना चाहते हैं। मोदी जी के लिए विकास का मतलब सिर्फ अडानी (Adani), अम्बानी (Mukesh Ambani) का निजी विकास ही रह गया है, देश में काम धंधे, उद्योग, बन्द हो गए हैं। बेरोजगारी सुरसा की भांति फैल रही है और मोदी जी रोजाना झूठ बोल कर देश की जनता को धोखा दे रहे हैं।
धरना प्रदर्शन में अशोक शर्मा, मुबारिक हुसैन कुरैशी, अहमद हसन, माया माहौर, अनीता जेम्स, बबीता जादौन, अवधेश सोलंकी, आई डी श्रीवास्तव, उमाशंकर उपाध्याय, शिल्पा दीक्षित, कपिल गौतम, अदनान कुरैशी आदि मौजूद रहे।