आगरा। आगरा शहर को पेयजल संकट से उबारने के लिए पिछले काफी समय से शहर में गंगाजल लाने के चल रहे प्रयास खत्म हो गए है लेकिन इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने का श्रेय लेने के लिए जनप्रतिनिधियों में होड़ मची हुई है। भाजपा के एक विधायक ने तो इस योजना को पूरा कराने का श्रेय लेते हुए भगीरथ की उपाधि तक ले ली तो वही पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान में भाजपा से जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजा अरिदमन सिंह ने भी इस योजना के पूरे होने पर एक प्रेसवार्ता कर अपने प्रयासों को मीडिया के सामने रखा। पूर्व कैबिनेट मंत्री का कहना था कि आगरा शहर वर्षो से पेयजल संकट से जूज रहा था। इस संकट को दूर करने के लिए गंगाजल प्रोजेक्ट बनाया गया था लेकिन वो फ़ाइलो में दब गया था।
पूर्व मंत्री ने दावा किया कि 2012 की प्रदेश सरकार में मंत्री रहने के बाद उन्होंने इस प्रोजेक्ट की फ़ाइल को निकलवाया और इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री से वार्ता कर इसे अमली जामा पहनाया गया। इस प्रोजेक्ट के पूरे होने की अवधि 2016 थी लेकिन किन्ही कारणों से यह 2018 में पूरा हो पाया जिसका लाभ शहर की जनता को जल्द ही मिलेगा।
पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने बताया कि जलनिगम की स्टडी रिपोर्ट के अनुसार आगरा की बड़ती जनसंख्या के हिसाब से 140 क्यूसेक अतिरिक्त गंगाजल से शहर की पेयजल आपूर्ति भी 2026 तक ही हो सकती है। इसके बाद आने वाले जलसंकट से निपटने के लिए कांक्रीट की नहर बनाकर बाहर से पानी लाना होगा।
फिलहाल कुछ भी हो लेकिन जनप्रतिनिधियों में इस प्रोजेक्ट का श्रेय लेने में होड़ मची हुई है लेकिन देखना होगा कि जलसंस्थान की घरों तक जानेवाली पाइप लाइन में गंगाजल कब पहुँचता है।