Agra. गलवान घाटी संघर्ष में अदम्य साहस दिखाने के लिए कर्नल अरूपम चक्रवर्ती को ओपी स्नो लेपर्ड के दौरान गलवान घाटी संघर्ष के लिए मेंशन-इन-डिस्पैचेस वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर यह अवॉर्ड भारतीय सेना ने घोषित किया था। कर्नल अरूपम चक्रवर्ती आगरा के हैं। अरूपम चक्रवर्ती ने सेंट क्लेअर्स और आगरा कॉलेज शिक्षा प्राप्त की है। 2001 में वे इंडियन मिलिट्री एकेडमी पहुंचे। उनकी मां शिखा चक्रवर्ती और पिता पीआर चक्रवर्ती हैं जो डिफेंस कॉलोनी में निवासरत हैं।
उल्लेखनीय है कि गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों का चीनी सैनिकों से 15 जून, 2020 को संघर्ष हुआ था। उस समय भारतीय सैनिकों के कमांडिंग ऑफीसर कर्नल अरूपम चक्रवर्ती थे। संघर्ष में 20 भारतीय और 5 चीनी सैनिक मारे गए थे। इनमें चीन का कमांडिंग ऑफीसर भी शामिल था। चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात काफी दिनों बाद स्वीकार की थी। 20 में से 17 गंभीर जवानों ने जीरो से नीचे तापमान में दम तोड़ा।
लद्दाख के पास स्थित गलवान घाटी विवादित क्षेत्र अक्साई चीन में है। वास्तविक नियंत्रण रेखा अक्साई चीन को भारत से अलग करती है। गलवान क्षेत्र लदाख के चुसूल काउंसिल के अंतर्गत आता है। गलवान घाटी लद्दाख़ और अक्साई चीन के बीच स्थित है जहां से भारत-चीन सीमा काफी करीब है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर झड़प से हफ्तों पहले तनाव बहुत अधिक था। दोनों पक्षों ने सीमा पर सैनिकों की संख्या में वृद्धि की हुई थी। 6 जून को दोनों सेनाओं के स्थानीय सैन्य कमांडरों के बीच हुई बातचीत से आपसी सहमति से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई। दोनों सेनाओं के बीच एक बफर जोन बनाया जाना था। एक भारतीय कमांडर ने क्षेत्र में एक चीनी शिविर को देखा और निरीक्षण करने गया। एलएसी के इस पार भारतीय इलाके में पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास चीनी सेना के टेंट हटाने पहुंचे भारतीय सैनिक पर चीनी सैनिकों ने पत्थर से हमला कर दिया। उन्होंने कंटीले तार लगे डंडों, लोहे की छड़ों और लाठियों से हमला किया। इसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। डंडों और मुक्कों से ये खूनी संघर्ष करीब 8 घंटे तक चला। सैनिक गलवान नदी से ऊपर एक टीले पर चले गए। कई जवानों के पैर फिसले जिससे वो नदी में गिर गए या पत्थरों से जा टकराए। चीन का कमांडिंग अफसर भी मारा गया।
अरूपम चक्रवर्ती के पिता का कहना है कि बेटे को यह सम्मान मिलने से वह काफी उत्साहित हैं। यह सम्मान मिलना ही उनके बेटे की वीरता को दर्शाता है। अरूपम चक्रवर्ती की मां का कहना है कि आज उनके बेटे ने उनका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। वह सभी माताओं से कहेंगे कि अपने बेटों को इसी तरह से से प्रेरित करें कि वह देश भक्ति की भावना से ओतप्रोत बने।