अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले सुभासपा पार्टी के अध्यक्ष व यूपी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर आखिरकार गाज गिर ही गयी। लोकसभा चुनाव के सभी चरण पूरे होते ही सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने राजभर को लेकर अपनी निगाहे टेड़ी कर ली।
सोमवार को सीएम योगी ने बड़ा फैसला लेते हुए भाजपा के खिलाफ जहर उगलने वाले सुभासपा अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में मंत्री राजभर को यूपी कैबिनेट से बाहर किये जाने की यूपी के राज्यपाल राम नाइक से सिफारिश की थी। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने सीएम योगी की सिफारिश पर तुरंत मोहर लगा दी। जिसके बाद पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री को सीएम ने तत्काल अपनी कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई है। ट्वीट में लिखा है आज #UPCM @myogiadityanath जी ने महामहिम श्री राज्यपाल को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश की जिस पर राज्यपाल राम नाईक ने स्वीकार कर लिया है।’
ओम प्रकाश राजभर भाजपा में सम्मान न मिलने से पहले से ही नाराज थे और कई बार इस्तीफे की पेशकश कर चुके थे लेकिन उस समय सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नही किया। लेकिन लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी के लिए पांच सीट मांगी थी लेकिन वो भी भाजपा ने नही दी जिसके बाद से राजभर भाजपा को आड़े हाथ लिए हुए थे। बताया जाता है कि इस पार्टी का पूर्वांचल में अच्छा असर माना जाता है।
2017 में योगी सरकार के आने के बाद ओम प्रकाश राजभर को मंत्री बनाया गया। सरकार के गठन के बाद से ही राजभर योगी सरकार के लिए परेशानी का सबब बने रहे। योगी सरकार के कई फैसलों का सामने से आकर विरोध किया। तमाम विरोधों के बाद भी बात नहीं बनी। बीच लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा से किनारा कर लिया।
यूपी कैबिनेट से हटाए जाने कब बाद से ओमप्रकाश राजभर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पिछड़ों के साथ इस तरह का व्यवहार होगा यह हमें पता था। इसलिए पिछड़ों के हित मे यह लड़ाई हम लड़ते रहेंगे।