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आगरा विवि के पूर्व कार्यवाहक कुलपति सहित दो के खिलाफ मुक़दमा दर्ज़

by admin

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के पूर्व कार्यवाहक कुलपति एवं छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के वर्तमान कुलपति प्रो. विनय पाठक तथा उनके करीबी एक्सएलआईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्र के खिलाफ अवैध वसूली व धमकाने का केस दर्ज किया गया है। एसटीएफ ने अजय मिश्र को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

कई विश्वविद्यालयों में परीक्षा संचालन का जिम्मा संभालने वाली कंपनी डिजीटेक्स टेक्नोलॉजिज इंडिया प्रा. लि. के एमडी डेविड मारियो डेनिस ने लखनऊ के इंदिरानगर थाने में मुक़दमा दर्ज कराया है। केस में आरोप लगाया कि प्रो. विनय पाठक ने पुराने बिल का भुगतान कराने के नाम पर रिश्वत मांगी और धमकाया।

डेविड ने कहा कि वह प्रो. पाठक के कहने पर कई बार कमीशन के तौर पर 1.41 करोड़ रुपये अजय मिश्र को दे चुका है। प्रो. पाठक ने आगरा विश्वविद्यालय में काम करने के लिए फिर 10 लाख रुपये देने को कहा, जबकि वहां नई कुलपति आ चुकी हैं। मना करने पर प्रो. पाठक ने डेविड को जान से मारने की धमकी दी और आगे काम न मिलने की चेतावनी भी दी।

रुपये न देने पर इस बार काम उन्हें न देकर यूपी डेस्को के जरिए अजय मिश्र की एक कंपनी को दे दिया गया। वहीं, मामले में प्रो. पाठक से बात करने की कोशिश की गई पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इंदिरा नगर इंस्पेक्टर रामफल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

डेविड ने आरोप लगाया कि उनकी कंपनी आगरा एमडी विश्वविद्यालय में वर्ष 2014-15 से प्री. व पोस्ट परीक्षा का संचालन कर रही है। 2019-20 और 2020-21 में यूपीएलसी के माध्यम से आगरा यूनिवर्सिटी की प्री व पोस्ट परीक्षा संचालित कराई। इसका भुगतान लंबित था।

वहीं प्रो. पाठक वर्तमान में कानपुर विश्वविद्यालय के वीसी हैं। उन्होंने भुगतान के लिए कानपुर स्थित आवास पर बुलाया। जनवरी, अप्रैल-2022 और एक सितंबर-2022 के बिल का भुगतान करने के एवज में कमीशन रूपये देने की मांग की। एक्सएलआईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्र के जरिए तीन बार में 1.41 करोड़ रुपये बतौर कमीशन लिया।

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