आगरा। मण्डलायुक्त श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह जी की अध्यक्षता में कैलाश मंदिर काॅरिडोर के विकास से संबंधित पर्यटन योजनाओं की समीक्षा बैठक हुई। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ तीन चरणों में कैलाश मंदिर काॅरिडोर का विकास एवं सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है। पहले चरण में लगभग 4.11 करोड़ की लागत से मुख्य द्वार का निर्माण और यमुना नदी किनारे घाट का निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में लगभग 15 करोड़ की लागत से दूसरे बड़े घाट का निर्माण, भण्डार गृह, पाथवे, नाली, यमुना दर्शन स्थल, सोलर पाॅवर सिस्टम और स्टोन बैंच का निर्माण किया जाएगा। शासनादेश होने के उपरान्त निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य प्रारम्भ किया जाएगा।
वहीं तीसरे चरण की कार्ययोजना तैयार की जा रही है जिसमें मुख्यतः पार्किंग, स्ट्रीट लाइट, घाट का सौंदर्यीकरण, फर्नीचर, कियोस्क, डेकोरेटिव लाइटिंग आदि कार्य शामिल है। मण्डलायुक्त महोदय ने निर्देश दिए कि इस कार्ययोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग से कैलाश मंदिर जाने वाले मार्ग पर दोनों ओर किनारे वृक्षारोपण, वन विभाग क्षेत्र में मार्ग के दोनों ओर बैरिकेडिंग और बढ़िया प्लाटेंशन का कार्य एवं विद्युत पोल पर सोलर लाइट लगाये जाने का कार्य भी शामिल किया जाए। वन विभाग के क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से ईको टूरिज्म या अन्य दर्शनीय पार्क स्थल में विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया जाए। बैठक में मौजूद कैलाश मंदिर महन्त निर्मल गिरी जी और अशोक कुलश्रेष्ठ जी द्वारा बताए गए उपयुक्त सुझावों को भी शामिल करते हुए फाइनल कार्ययोजना बनाकर शासन को जल्द भेजने के निर्देश दिए।
मण्डलायुक्त महोदय ने बैठक में मौजूद कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए कि सभी विकास कार्य गुणवत्तापूर्ण व समय से पूर्ण होने चाहिए। संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि यमुना में किसी प्रकार की गंदगी न हो, सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबन्ध रहे, यह सुनिश्चित किया जाए। मंदिर के बाहर दुकानदारों व आने वाले श्रद्धालुओं को इसके प्रति जागरूक बनाया जाए। साथ ही मंदिर मंहत से मंदिर की समुचित व नियमित सफाई हेतु सफाईकर्मी की नियुक्ति किए जाने की अपेक्षा जताई।
बैठक में जिलाधिकारी श्री अरविन्द मलप्पा बंगारी जी, डीएफओ श्री आदर्श कुमार जी, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी श्री शक्ति सिंह जी, पीडब्लूडी अधिशासी अभियंता, श्री निर्मल गिरी जी, श्री अशोक कुलश्रेष्ठ जी, शिवम गिरी जी आदि मौजूद रहे।