आगरा। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार और स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह अलर्ट हैं। ऐसे में कोरोना को लेकर समाज में फैल रहीं तरह-तरह की भ्रांतियों और मिथकों को दूर करना भी बहुत ही जरूरी हो जाता है। इन मिथकों व भ्रांतियों पर विराम लगाकर ही कोरोना से पार पाना संभव है। इसी को ध्यान में रखकर सोशल मीडिया के जरिये सामने आ रहे सवालों का विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उचित समाधान सुझाया है ताकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई सही दिशा में ही आगे बढ़ सके ।
![](https://moonbreaking.com/wp-content/uploads/2020/04/IMG-20200411-WA0018-710x1024.jpg)
इन्हीं मिथकों के जरिये एक सवाल सामने आया कि- सुना है कि मच्छरों के काटने से भी कोरोना हो सकता है तो इसके जवाब में डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट किया कि ऐसा कदापि नहीं है। नया कोरोना वायरस मच्छरों के काटने से नहीं फैलता है। इसी तरह बालों को हेयर ड्रायर से सुखाने से कोरोना के खत्म हो जाने की भ्रांतियों पर कहना है कि ऐसा करना कतई प्रभावी नहीं है । शरीर पर अल्कोहल या क्लोरिन के छिड़काव से कोरोना वायरस को खत्म करने के मिथक पर विराम लगाते हुए कहना है कि अल्कोहल और क्लोरिन के छिड़काव से वायरस को नहीं रोका जा सकता, क्योंकि वह शरीर के अंदर प्रवेश कर संक्रमित करता है।
![](https://moonbreaking.com/wp-content/uploads/2020/04/IMG-20200411-WA0016-715x1024.jpg)
युवाओं को कोरोना का खतरा नहीं, महज एक भ्रम
समाज में इसी तरह से कुछ युवाओं का यह कहना कि वह तो जवान हैं उन्हें कोरोना होने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उनका यह सोचना महज एक भ्रम है, क्योंकि अपने ही देश में कई ऐसे केस सामने आये हैं जिनकी उम्र 20 से 30 साल के बीच है। कोरोना वायरस किसी भी आयु वर्ग को अपनी चपेट में ले सकता है। इतना जरूर है कि जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, उन्हें इसका खतरा कम रहता है।
![](https://moonbreaking.com/wp-content/uploads/2020/04/IMG-20200411-WA0017-693x1024.jpg)
गर्मी-ठंडी का कोरोना से कोई लेना-देना नहीं
इन्हीं मिथकों के बीच सामने आया कि गर्मी के चलते कोरोना नहीं फैलता तो एक ने सवाल किया कि मैं गर्म स्थान पर रहता हूँ तो क्या मैं कोरोना के वायरस से सुरक्षित हूँ। स्पष्ट किया गया कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि गरम या उमस वाले स्थान पर रहने से कोरोना से बचा जा सकता है। इसके साथ ही सवाल पैदा हुआ कि क्या ठन्डे स्थान पर रहने से कोरोना से बचा जा सकता तो साफ़ किया गया कि ऐसा भी नहीं है कि ठन्डे या बर्फीले क्षेत्र में रहकर कोरोना से बचा जा सकता है। इसके अलावा गरम पानी से नहाने से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने की भ्रान्ति को भी पूरी तरह से ख़ारिज कर दिया गया है कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, यह महज एक भ्रान्ति है।
अन्य मिथक –
यह भी मिथक सामने आया कि अधिक लहसुन खाने से कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं होता, यह भी निराधार बताया गया है क्योंकि उसका वैज्ञानिक आधार सामने नहीं आता है। इसी प्रकार एक भ्रान्ति यह भी सुनने में आई कि लगातार नाक को नमक और पानी के घोल से धोने से कोरोना से सुरक्षित रह सकते हैं जो कि किसी भी पैमाने पर खरी नहीं उतरी और इसे भी महज एक भ्रान्ति के खाते में डाल दिया गया।
बरतें सावधानी
-हाथ को बार-बार साबुन-पानी से 40 सेकेंड तक धोएं।
-बार-बार अपना चेहरा, नाक या मुंह न छुएं
-अतिथियों को न आमंत्रित करें और न किसी के घर मिलने जाएं
-आपस में बातचीत करते समय कम से कम एक मीटर की दूरी रखें
-खांसते या छींकते समय साफ़ रुमाल या टिश्यु पेपर का इस्तेमाल करें, टिश्यु को कूड़ेदान में ही फेंकें और रुमाल को अच्छी तरह से धोकर ही पुन: इस्तेमाल करें।
कोरोना के बारे में अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें –
-चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश – 1800-180-5145, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय- 011- 23978046, टोल फ्री नंबर- 1075