भारत में कोरोना वायरस के टीकों को भारतीय प्रयोगशाला सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया गया है।जब चीन में पैदा हुई कोरोना महामारी दुनियाभर में तांडव मचरही थी तो उस वक्त पूरी दुनिया की निगाहें भारत के वैज्ञानिकों पर टिकी हुईं थीं।इसी क्रम में भारत ने लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए दो कोरोना वैक्सीन टीकों का निर्माण भी किया। इन टीकों की मांग दुनिया भर में की जाने लगी है।गुरुवार को ब्राजील द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उसने भारत से कोरोनावायरस वैक्सीन के 20 लाख टीके मंगाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। ब्राजील स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह जानकारी एक बयान में दी गई थी की आगामी हफ्ते के शनिवार को मुंबई से एक विमान कोरोना वैक्सीन के टीके लेकर ब्राजील पहुंचेगा।
ब्राजील के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया कि जिस विमान से टीके मंगाए जाएंगे उसे वैक्सीन निर्माता की सिफारिशों के अनुसार टीकों का तापमान बनाए रखने के लिए विशिष्ट कंटेनरों से लैस कर दिया जाएगा।भारत में कोरोना वायरस के टीकों का निर्माण भारतीय प्रयोगशाला सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया है।बता दें दुनिया भर के कई देश भारत से विकसित की डिमांड कर चुके हैं।लेकिन ब्राजील वह पहला देश होगा जहां भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन पहुंचेगी।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में 16 जनवरी यानी शनिवार को कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान शुरू हो चुका है अब इसके बाद ही भारत द्वारा विभिन्न देशों के लिए कोरोना वैक्सीन के टीके भेजे जाएंगे।
फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 25 या 26 जनवरी को बांग्लादेश को कोविड-19 के टीकों की पहली खेप भेजे जाने की उम्मीद जताई है। दरअसल आपको बता दें कि बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्री जाहिद ने गुरुवार को अपने कार्यालय में टीकाकरण को लेकर हुई बैठक में इस बात को कहा था। मालेक ने IANS से कहा, वैक्सीन का पहला शिपमेंट 25 या 26 जनवरी को सीरम संस्थान से देश में आने की उम्मीद है।जिसके लिए भंडारण और परिवहन की तैयारियां पूरी कर ली गई है।साथ ही हर जिले में भंडारण सुविधाओं में छह लाख से ज्यादा वैक्सीन खुराक और उप जिला स्तर पर दो लाख से ज्यादा वैक्सीन रखने के लिए पर्याप्त संग्रहण क्षमता मौजूद है।