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कीठम में बर्ड फेस्टिवल 2020 का हुआ उद्घाटन, जानिए वेटलैंड कंजर्वेशन पर विशेषज्ञों की राय

by admin

आगरा। रविवार को सूर सरोवर पक्षी विहार, कीठम में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वर्ल्ड वेटलैंड डे के अवसर पर यूपी बर्ड फेस्टिवल 2020 का आयोजन किया गया। बर्ड फेस्टिवल का उद्घाटन पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री दारा सिंह द्वारा किया गया। इस दौरान उनके साथ वन राज्य मंत्री अनिल शर्मा रहे। दोनों मंत्रियों ने बर्ड फेस्टिवल में लगी प्रदर्शनी स्टालों का शुभारंभ पक्षी उड़ाकर किया। इसके बाद प्रत्येक स्टॉल पर जाकर पक्षी विशेषज्ञ से बात की और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के बारे में की जानकारी ली। इसके बाद कीठम झील के आसपास स्वच्छता अभियान चलाया गया और लोगों को स्वच्छता के प्रति प्रेरित किया गया।

कार्यक्रम उद्घाटन के बाद आगरा जिले के विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। बच्चों ने समूह नृत्य और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को पर्यावरण प्रदूषण, विलुप्त होती पक्षी व जंतुओं की प्रजाति, गिरते भूजल और खत्म होते जंगल के प्रति जागरूक किया। बच्चों ने यह दिखाया कि किस तरह से हम अपनी अनावश्यक जरूरतों को अपनाने के चक्कर में प्रकृति का बुरी तरह दोहन कर रहे हैं जिसे हम सभी को मिलकर रोकना होगा।

इसके बाद उद्बोधन कार्यक्रम हुए, जिसमें उत्तर प्रदेश वाइल्डलाइफ से राहुल पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि इस समय वेटलैंड पर सबसे ज्यादा पानी की समस्या बनी हुई है। जिस तेजी से भूमिगत और सरफेस वाटर खत्म हो रहा है, समस्या गंभीर होती जा रही है। उन्होंने मोदी और योगी सरकार का शुक्रिया करते हुए कहा कि सरकार ने नमामि गंगे की जो योजना चलाई है उसके बाद गंगा नदी के अलावा सहायक नदियां साफ हो रही है। उन में भरपूर पानी आ रहा है जिसके बाद हम तेजी से वेटलैंड बसाने की ओर बढ़ रहे हैं। राहुल पांडे ने सभी लोगों से यह अपील की कि हम पक्षियों से प्रेम करना सीखें और उनके अस्तित्व को बचाने के लिए अपने घर में, आंगन में आश्रय देने की कोशिश करें।

नेशनल मिशन क्लीन गंगा के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने बताया कि पिछले साल कानपुर में हुई मीटिंग में मुख्य रूप से वेटलैंड कंजर्वेशन के मुद्दे पर चर्चा हुई थी जिसमें वेटलैंड को फ्लड-पॉल्युशन मुक्त बनाने के साथ-साथ इको टूरिज्म के रूप में बसाने पर कई प्लानिंग पर काम हुआ था। उसी प्लान के अंतर्गत हम गंगा नदी के किनारे 10 किमी के दायरे में लगभग 226 वेटलैंड कंजर्वेशन के लिए काम कर रहे हैं।

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अपर सचिव रवि अग्रवाल ने जानकारी दी कि पूरे देश में 7.5 लाख वेटलैंड है। पिछले 50 साल में 35 परसेंट वेटलैंड कम हो गए हैं जो कि एक चिंता का विषय है। योगी सरकार इस क्षेत्र में काफी गंभीर है और इस पर काम भी शुरू हो चुका है जिसके परिणाम स्वरुप पिछले 6 माह में उत्तर प्रदेश में रामसर साइट के छह वेटलैंड घोषित हो चुके हैं और अगले रामसर साइट के छह वेटलैंड और कतार में हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले तीन चार महीने में जल्द ही कीठम साइड भी इस सूची में शामिल हो सकता है।

पर्यावरण एवं वन विभाग के राज्य मंत्री अनिल शर्मा ने उत्तर प्रदेश में रामसर साइट के छह वेट लैंड घोषित होने पर योगी सरकार की इस उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने निरंतर हो रहे प्रकृति के दोहन पर चिंता व्यक्त की, कहा कि हमारी पुरानी पीढ़ी गांव के रहने वाली है। जब हम छोटे थे तो हम गांव में कई पोखर और तालाब देखते थे। प्रतिदिन सुबह कोयल-मैना की आवाज सुनते थे लेकिन आज तालाब पोखर खत्म होने के साथ-साथ पक्षियों की प्रजातियां भी धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही हैं। सवाल पक्षी के विलुप्त होने का नहीं बल्कि यह यह परिस्थितियां हमने ही पैदा की हैं जिससे प्रकृति अब विद्रोह की स्थिति में है, इसलिए हमारा सजग होना बहुत जरूरी है। अनिल शर्मा ने बताया कि आज मोदी योगी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। उन्होंने स्वच्छता, गंगा और अन्य नदियों की सफाई, वन विभाग की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने की दिशा में गंभीर कदम उठाए। साथ ही योगी सरकार ने हर साल करोड़ों पौधरोपण करने का जो लक्ष्य बनाया है उसके बाद हम कह सकते हैं कि हम भविष्य में सैकड़ों वेटलैंड तैयार कर सकते हैं।

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