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‘वेटलैंड एंड बायोडायवर्सिटी’ थीम पर आयोजित हुआ वर्ल्ड वेटलैंड डे, प्रवासी पक्षियों को देखकर रोमांचित हुए पक्षी प्रेमी

by admin

आगरा। रविवार को सूर सरोवर पक्षी विहार, कीठम का नजारा अद्भुत था। प्रवासी पक्षियों के साथ यहाँ के पक्षियों से सूर सरोवर आबाद था। इन पक्षियों की अठखेलियों को निहारने के लिए इस प्रदेश स्‍तरीय बर्ड फेस्टिवल में पक्षी प्रेमियों का कुनबा भी भारी संख्या में पहुँचा हुआ था। दूसरे राज्यों के अलावा विदेश से भी सैकड़ों की संख्या में पक्षी प्रेमी यहां आए हुए थे। देश-विदेश के विशेषज्ञ झील के प्रवासी पक्षियों की अठखेलियों को निहार रहे थे। हर पक्षी प्रेमी इस अद्भुत नजारे को अपने कैमरे में कैद कर रहा था।

बताते चले कि कीठम झील पर हर वर्ष हजारों विदेशी पक्षी सर्दियों में प्रवास के लिए आते हैं। इस बार भी विदेशी पक्षियों ने यहां भारी संख्या में डेरा डाला है। अब चूंकि मौसम का मिजाज धीरे-धीरे गर्म हो रहा है, ऐसे में इनकी विदाई की बेला भी नजदीक है, लेकिन बर्ड फेस्टिवल में पहुँचे पक्षी प्रेमियों ने विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को देखा।

बर्ड फेस्टिवल प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक विशेष अवसर होता है, इसलिए पक्षियों की तस्‍वीर का संग्रह करने के लिए भारी संख्या में फोटोग्राफर्स भी यहां पहुँचे। इन पक्षी प्रेमी फोटोग्राफरों के पास अत्‍याधुनिक कैमरों और लैंस थे जिसके द्वारा वे प्रवासी पक्षियों की विभिन्‍न मुद्राओं को अपने कैमरे में कैद करते हुए नजर आये। इस बर्ड फेस्टिवल में मुंबई, दिल्ली और लखनऊ के पक्षी विशेषज्ञों ने भी शिरकत की। कुछ लोग तो अपने शोध के लिए भी यहाँ पहुँचे थे। इन पक्षियों को निहारकर लोग काफी उत्साहित नजर आए।

बर्ड फेस्टिवल में पहुंचे लोगों ने बताया कि इस फेस्टिवल में शिरकत करके वह काफी उत्साहित हैं। यहां आकर उन्होंने विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के पक्षियों को देखा और उनकी जानकारी भी ली। ऐसा नजारा उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा जहां एक साथ इतने सारे पक्षी देखने को मिले हो।

आपको बताते चले कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 2015 से प्रति वर्ष बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। हर वर्ष ये आयोजन उत्तर प्रदेश राज्य में किसी न किसी विशेष थीम पर आयोजित होते हैं। इस वर्ष ये आयोजन वेटलैंड एंड बायोडायवर्सिटी थीम पर आयोजित किया गया था। इस आयोजन में पक्षियों व उनकी प्रजाति से आम जनमानस को रूबरू कराने, विलुप्त हो रहे जीव जंतु व पक्षियों की प्रजाति को बचाने व वेटलैंड को सुरक्षित बनाये जाने के लिए किया जाता है। पिछले साल यह आयोजन 2019 में कानपुर में हुआ था।

राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट के उपवन संरक्षक आनंद कुमार ने बताया कि इस फेस्टिवल में पक्षियों को भी पकड़ा जा रहा है जिसकी अनुमति प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव से मिल चुकी है। पक्षी विशेषज्ञ बालाचंद के द्वारा पकडऩे का कार्य किया जा रहा है। इसमें छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

बर्ड फेस्टिवल में वन विभाग की ओर से फोटो प्रदर्शनी भी लगाई है। इतना ही नहीं विभिन्न संगठनों ने अपनी स्टाल लगाकर बर्ड फेस्टिवल में आये आम जनमानस को विभिन्न पक्षियों और उनकी प्रजातियों की जानकारी दी, साथ ही उनकी जिज्ञासाओं को भी शांत किया।

फेस्टिवल में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के संयुक्त सचिव मंजू पांडे, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय अपर सचिव रवि अग्रवाल, टाइगर प्रोजेक्ट के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार शर्मा, मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव पश्चिमी क्षेत्र कानपुर के अनिल चौधरी, इको विभाग के अपर प्रधान संरक्षक संजय श्रीवास्तव, नेशनल मिशन क्लीन गंगा के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा मौजूद रहे।

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