भारत ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। दरअसल भारत बायोटेक द्वारा बनी कोवैक्सीन को सार्वभौमिक टीके के रूप में मान्यता मिल चुकी है, जो कि देश के लिए गौरव का विषय है।भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है।इसी बीच भारत बायोटेक ने गुरुवार को विशेष जानकारी साझा की और कहा कि उसकी कोरोना वैक्सीन Covaxin अब वयस्कों और बच्चों के लिए यूनिवर्सल वैक्सीन बन चुकी है। भारत बायोटेक ने कोरोना के खिलाफ ग्लोबल वैक्सीन बनाने का अपना लक्ष्य पूरा होने की बात भी कही।
भारत बायोटेक ने इससे पूर्व यह जानकारी भी दी थी कि Covaxin कोरोना के डेल्टा और Omicron दोनों वैरिएंट को बेअसर करने यानी बढ़ने से रोकने में सक्षम है।इसके अतिरिक्त कंपनी का दावा है कि अब तक कि रिसर्च से पता चल पाया है कि कोरोना की कोवैक्सिन सभी वैरिएंट अल्फा, बीटा, डेल्टा, जेटा और कप्पा को बेअसर करने में सक्षम है।
भारत बायोटेक ने बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने कोरोना के खिलाफ एक वैश्विक वैक्सीन विकसित करने का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है और लाइसेंस के लिए सभी प्रोडक्ट डेवेलपमेंट को पूरा कर लिया गया है।गौरतलब है कि भारत बायोटेक ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से देश में रेगुलर मार्केट अप्रूवल देने की अपील की है। हालांकि कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल चुकी है।
जारी नए आंकड़ों के अनुसार भारत में जनवरी 2021 से अब तक हुए टीकाकरण में 12 फीसदी कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा कोवैक्सिन एक मात्र ऐसी वैक्सीन है जो 15-18 साल के बच्चों को दी जा रही है। गौरतलब है कि 3 जनवरी को भारत सरकार ने 15-18 साल के बच्चों का टीकाकरण करने की घोषणा की थी।