आगरा। रात भर हवालात में बंद रखने के बाद युवक की बेरहमी से पिटाई और शरीर पर डंडों के लाल निशान दरोगा के कारनामे को साफ दर्शा रहे हैं। यह मामला आगरा के शमशाबाद थाना क्षेत्र के धीमश्री चौकी पर तैनात रईस अहमद का है।
अब आपको पूरा मामला बताते हैं। लूट के एक मामले में नामजद युवक को दरोगा जी गुरुवार की शाम को उठा लाए। रात भर हवालात में बंद रखा गया और युवक को छोड़ते छोड़ते दरोगा जी ने डंडों की ऐसी बरसात की पैर और हाथों की उंगलियों पर दरोगा जी के कारनामे और पुलिस की क्रूरता की कहानी शरीर पर छप गई ।
पीड़ित बंटू जैन की अगर बात मानी जाए तो बंटू जैन का विवाद रजरई गांव के रहने वाले अनिल से है। बंटू जैन ने अनिल को 4.30 लाख रुपए दिए थे और रकम वापस ना होने पर अनिल का ट्रक अपने यहां खड़ा करा लिया था।
बस लड़ाई की शुरुआत यहीं से हुई। अनिल ने रुपया देने से मना किया और 15 महीने बाद अपने ट्रक की लूट का मुकदमा बंटू जैन पर दर्ज करा दिया। चौकी इंचार्ज रईस अहमद ने इसमें खास भूमिका निभाई और बंटू जैन को उठाकर लाए। रात भर हवालात में रखा और डंडों से पीट-पीट कर पैर को नीला कर दिया और फिर छोड़ दिया गया।
सवाल इस बात का है कि बंटू अगर आरोपी था तो छोड़ा क्यों गया। अगर लूट 15 महीने पहले हुई थी तो लूट 15 महीने बाद दर्ज क्यों हुई और बिना साक्ष्य गवाह और तथ्यों के आधार पर दरोगा ने पिटाई कैसे की।
बहरहाल पीड़ित इस पूरे कारनामे की शिकायत SSP से करने की बात कह रहा है।