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सावधान ! नामचीन कंपनी का लोगो लगाकर बची जा रही डुप्लीकेट ई बाइक

by pawan sharma

Agra. अगर आप उत्तर प्रदेश के आगरा शहर या आसपास के रहने वाले हैं और आप इलेक्ट्रिक बाइक खरीदने जा रहे हैं तो आपके लिए यह खबर बहुत महत्वपूर्ण है। आगरा में नामचीन कंपनी के नाम से खिलवाड़ किया जा रहा है। लोकल कंपनी की ई बाइक को ब्रांडेड कंपनी का लोगो लगाकर बेचा जा रहा है। फेरेंजा इलेक्ट्रिक व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ को शिकायतें मिल रही थीं कि आगरा में उनके नाम से इलेक्ट्रिक बाइक बड़ी संख्या में बेची जा रही हैं। इसको लेकर उन्होंने पड़ताल की तो पता चला कि आगरा के चावला एंड संस के यहाँ उनकी कंपनी की इलेक्ट्रिक बाइक बेची जा रही है। जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की। वह पुलिस के साथ चावला एंड संस के शोरूम पर पहुंच गए। उनके सामने ही उनकी कंपनी का एक इलेक्ट्रिक व्हीकल बेचा जा चुका था।7 इलेक्ट्रिक व्हीकल को पुलिस ने जब्त कर लिया। थाना रकाबगंज पुलिस इस मामले में शिकायत के बाद कार्रवाई में जुट गई है।

थाना रकाबगंज क्षेत्र अंतर्गत फेरेंजा इलेक्ट्रिक व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड इलेक्ट्रिक बाइक भारी संख्या में डुप्लीकेसी कर बेची जा रही थी। कंपनी के सीईओ रितेश बंसल को पिछले एक डेढ़ माह से शिकायतें मिल रही थी कि उनकी कंपनी की डुप्लीकेट इलेक्ट्रिक व्हीकल बड़ी संख्या में बेची जा रही है। बुधवार को सीईओ रितेश बंसल आगरा पहुंचे और उन्होंने पुलिस के साथ बालूगंज स्थित चावला एंड संस के यहां छापामार कार्रवाई की। करवाई में रकाबगंज पुलिस को 7 इलेक्ट्रिक व्हीकल मिले जिन पर फेरेंजा इलेक्ट्रिक व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड की छाप लगी हुई थीं। पुलिस ने शोरूम से प्रबंधक को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। पुलिस अपने साथ ऐसे 07 वाहनों को जब्त कर थाने उठा लाई।

फेरेंजा इलेक्ट्रिक व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ रितेश बंसल का कहना है कि हमने इस मामले में आगरा पुलिस को अपनी शिकायत दर्ज करा दी है। जिसमें हमने चावला एंड संस के सुरेंद्र चावला, गोविंद चावल और सुरेंद्र सिंह को आरोपी बनाया है। उन्होंने बताया कि कस्टमर की लगातार शिकायतें आ रही थी कि उनके इलेक्ट्रिकल वाहन मापदंडों के अनुकूल नहीं है। यही नहीं कई ऐसे वाहन भी हमें बाजार में मिले जो मॉडल हम बनाते ही नहीं हैं। जिससे साफ है कि हमारे ब्रांड की डुप्लीकेसी की जा रही थी और कंपनी का नाम खराब किया जा रहा है। एक तरफ जहां कंपनी की साख पर बट्टा लग रहा है तो वहीं कंपनी को आर्थिक क्षति भी पहुंच रही है।

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