Agra. विश्व धरोहर स्थले अपने आप में कई इतिहास को दबाए हुए है जिन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण धीरे धीरे खोज रहा है। फतेहपुर सीकरी में चल रहे साइंटिफिक क्लीयरेंस के कार्य के दौरान ऐसी ही कुछ धरोहरें सामने आई है। जमीन में दबी इन अनमोल धरोहरों पर जमी गर्त की परतें धीरे-धीरे अब हट रही हैं। फतेहपुर सीकरी के राजा टोडरमल की बारादरी में साइंटिफिक क्लीयरेंस करने पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को प्राचीन टैंक मिला है। वर्गाकार टैंक के मध्य में फव्वारा भी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टोडरमल की बारादरी में साइंटिफिक क्लीयरेंस का काम अभी जारी है।
फतेहपुर सीकरी में राजा टोडरमल की बारादरी बनी हुई है जो काफी समय से उपेक्षित थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अब इस बारादरी के संरक्षण के कार्य में जुटा हुआ है और इसका संरक्षण करा रहा है।
बताया जाता है कि पिछले दिनों बारादरी के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने से मलबा हटवाने पर प्राचीन निर्माण के साक्ष्य मिले थे जिसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहां साइंटिफिक क्लीयरेंस (वैज्ञानिक तरीके से उत्खनन) कराने का निर्णय लिया गया। जैसे-जैसे साइंटिफिक क्लीयरेंस का काम आगे बढ़ा विभागीय अधिकारियों को अच्छी खोज होने की उम्मीद बंधती चली गई। यहां जमीन में मुगलकालीन डिजाइन का प्राचीन टैंक मिला है जिसमें बारादरी का मलबा भरा था।
इस टैंक के मध्य में फव्वारा भी बना हुआ है। वर्गाकार टैंक प्रत्येक दिशा से 8.7 मीटर लंबा और 1.1 मीटर गहरा है। टैंक के फर्श में चूने का प्लास्टर हो रहा है। टैंक के चारों ओर बने डिजाइन भी चूने के हैं।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि फतेहपुर सीकरी में प्राचीन निर्माण के साक्ष्य मिले थे जिस पर साइंटिफिक क्लीयरेंस का निर्णय लिया गया था। इसमें सफलता भी मिली है और प्राचीन टैंक मिला है। हो सकता है कि बारादरी के साथ ही इसका निर्माण किया गया हो क्योंकि यह उसके प्रवेश द्वार के ठीक सामने मध्य में बना हुआ है।