आगरा। उच्च न्यायालय द्वारा अधिवक्ताओं के चेंबर तोड़े जाने के आदेश को लेकर युवा अधिवक्ता संघ आगरा मंडल के एक प्रतिनिधिमंडल ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। युवा अधिवक्ता संघ के मंडल अध्यक्ष नितिन वर्मा ने चेयरमैन को बताया अगर अधिवक्ताओं के चैम्बर तोड़ने से सम्बंधित कोई कार्यवाही अमल में लाई गई तो लगभग 3 हज़ार युवा अधिवक्ता प्रभावित होंगे।
अधिवक्ता नितिन वर्मा ने अवगत कराया कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पिटीशन संख्या 5007/2012 में अपने आदेश में कहा है कि अधिविक्ता ऑफिसर ऑफ कोर्ट है, जो न्यायिक प्रक्रिया में सहायता करता है। सरकार को उनके बैठने के लिये चैम्बर्स के साथ साथ मीटिंग हॉल भी देना चाहिए जिसमें बिजली कनेक्शन भी नि:शुल्क हों। उस आदेश में सरकार को बेहतर सुविधाएं देने के लिए निर्देशित किया गया है। वहीं इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी अपने आदेश के पारा दो में कहा है कि अधिवक्ताओं को सुव्यवस्थित तरीके से बैठने के लिये उचित स्थान दिया जाए।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्रा ने आश्वासन दिया कि वे इस विषय पर उत्तर प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश से वार्ता कर समस्या के समाधान कराने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश बार कॉउंसिल एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अधिवक्ताओं के चैम्बर बनाने के लिये राशि अवमुक्त कराने की बात कही।
प्रतिनिधि मंडल में सर्वोच्च न्यायालय के अधिविक्ता डी भरत कुमार, मण्डल अध्यक्ष नितिन वर्मा, जनपद बार के महासचिव कृष्ण मुरारी माहेश्वरी, नरेंद्र अरेला, जयन्त कुमार, आनन्द गौरव शर्मा, महान मुदगल, सनी चौहान अरविंद गौतम आदि मौजूद रहे।