आगरा। शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों ने आतंकवाद और हिंसा मुक्त देश बनाने के लिय शपथ ली। मौका था आतंकवाद विरोधी दिवस का। इस अवसर पर पुलिस अधिकारियों के ऑफिस से लेकर जनपद के सभी थानों में आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया। सभी पुलिसकर्मियों ने आतंकवाद और हिंसा को देश से मिटाने की शपथ ली।
21 मई 1991 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। विस्फोट में 25 और लोगों की जान भी गई थी। इस घटना के बाद से ही 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी इसे सादगी के साथ मनाया गया। बताया जाता है कि शासन ने कोरोना काल में आतंकवाद विरोधी दिवस सावधानी पूर्वक बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद शुक्रवार को आगरा में आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया गया। आईजी रेंज नवीन अरोरा के साथ साथ एसएसपी मुनिराज ने अपने आफिस में पुलिसकर्मियों को शपथ दिलाई तो वहीं जनपद के सभी थानों में थाना प्रभारियों ने अधिनस्थों को शपथ दिलाई। पुलिसकर्मियों ने आतंकवाद और हिंसा मुक्त देश बनाने का संकल्प लिया। इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी का ध्यान रखा गया।
पुलिस कर्मियों ने शपथ ली कि “हम भारतवासी अपने देश की अहिंसा और सहनशीलता की परंपरा में दृढ़ विश्वास रखते है और निष्ठापूर्वक शपथ लेता है कि हम सभी प्रकार के आतंकवाद और हिंसा का डटकर विरोध करेंगे। हम मानव जाति के सभी वर्गों के बीच शांति, सामाजिक सद्भाव और सूझबूझ कायम रखने और मानव जीवन मूल्यों को खतरा पहुंचाने वाली विघटनकारी शक्तियों से लड़ने की शपथ लेते हैं।
पुलिस के आलाधिकारियों का कहना है कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यही है कि देश में आतंकवाद और हिंसा को रोका जा सके। इसके प्रति लोगों को जागरूक करना भी है जिससे आम व्यक्ति इस तरह की गतिविधियों में शामिल न हो।