आगरा में 22 कोविड मरीजों की मॉक ड्रिल के दौरान हुई मौत का खुलासा होने के बाद अब कानपुर के हैलट में कोविड अस्पतालों और कोविड की फाइलों में दफन 42 कोविड मरीजों की मौत की बात भी कबूली गई है। हालांकि सोमवार को इन मौतों को पोर्टल पर अपडेट कर दिया गया है। लेकिन अभी यह बात सामने नहीं आई है कि यह मौतें आखिर कब हुई हैं। बात सिर्फ इतनी ही मौतों की नहीं है बल्कि न जाने कितनी मौतें ऐसी ही है जिनके आंकड़े ही सामने नहीं आए हैं।बहरहाल इन कोरोना रोगियों की मौत का दिन तो अब आंकड़ों में राज ही रहेगा। वहीं कई मरीजों की रिपोर्ट ना आने के कारण मौत का कारण ही स्पष्ट नहीं बताया गया है।
हैलट के न्यूरो साइंसेज कोविड अस्पताल, मैटरनिटी विंग कोविड अस्पताल और कोरोना वार्डों में रोगियों की जब बीएचटी खंगाली जा रही है तो दबी हुई कोविड मौतों का खुलासा हो रहा है। दरअसल सोमवार को वैसे तो कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है, लेकिन इस दिन के नाम कोविड पोर्टल के रिकार्ड पर 42 मौतें दर्ज हो गई हैं।वहीं विभागीय सूत्रों का अनुमान है कि कोरोना से 212 मौतें हुई हैं, जो पोर्टल पर अपडेट ही नहीं हैं। लेकिन जीएसवीएम मेडिकल कालेज प्रबंधन छूटी हुई 160 मौतों का आंकड़ा खुद कुबूल कर चुका है।वहीं जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने तर्क देते हुए सफाई दी है कि मौत और संक्रमितों की सूची डीजीएमई पोर्टल पर अपडेट कर दी गई थी, लेकिन राज्य पोर्टल पर न चढ़ने की वजह से अंतराल देखने को मिल रहा है।
कोरोना मौतों के अलावा अभी छूटे हुए कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों का खुलासा होना अभी बाकी है । वहीं कोरोना संक्रमित को अब टेस्टिंग की फाइल्स में खंगाला जा रहा है। फिलहाल 200 संक्रमितों के छूटने की बात कही जा रही है जिनमें से 95 को पोर्टल पर रविवार को अपडेट किया गया था। अभी छूटे हुए संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ने के आसार बने हुए हैं। इतना ही नहीं बहुत से लोग तो अभी भी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।