Agra. यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण हादसे ने सभी को हिलाकर रख दिया है। इस हादसे में कार सवार पांच लोग जिंदा जल गए जिसकी गूंज लखनऊ तक गूंजी। इस घटना के बाद जिम्मेदारों की आंखे खुली है और मुख्यालय से जिम्मेदार अधिकारियों की एक टीम आगरा पहुँची जिसने सड़क हादसों के ब्लैक स्पॉटो को चिन्हित करने और उसमें संबंधित विभाग द्वारा किये गए सुधारों का सत्यापन किया। आगरा आई मुख्यालय की इस टीम ने मौके पर पहुँच ब्लैक स्पॉट का जायजा लिया।
आपको बताते चले कि सड़क हादसे में सबसे अधिक लोगों की मौत हो जाती है। हत्या होने पर पुलिस आरोपी तक पहुँच के उसे सलाखों के पीछे पहुँचा देती है लेकिन सड़क हादसा कितना भी बड़ा हो उसे होनी मानकर जिम्मेदारी अधिकारी शांत बैठ जाते हैं और उन हादसों की वजह को दूर नही किया जाता। पिछले कुछ दिनों में यमुना व लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हादसों की संख्या के साथ मौत का भी अकड़ा बढ़ा है। यहाँ रफ्तार हादसों का कारण बनी है। दोनों जगहों पर सुविधा के नाम पर कुछ नहीं हुआ, हादसों के ब्लैक स्पॉट पर सुधारात्मक कार्य नहीं किये गए।

आगरा जनपद में वर्ष 2016 एवं 2018 में कुल 45 ब्लैक स्पाट चिन्हित किये गये है। जिसमें 05 ब्लैक स्पाट ऐसे हैं, जिसमें सड़क दुर्घटना में 30 से ज्यादा व्यक्तियों की मृत्यु हुई। इन 05 ब्लैक स्पॉट राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर एत्मादपुर, कुबेरपुर, खंदौली इंटरचेंज, झरना नाला, प्रतापपुरा, रोहता नहर शामिल हैं। लखनऊ से आई टीम इन ब्लैक स्पॉट पर काम किया और यहां भविष्य में सड़क हादसे न हो और यहां क्या सुधार कार्य हो सकते हैं इसकी रिपोर्ट तैयार की।
इस टीम में प्रताप सिंह अधिशासी अभियंता, अजय शंकर निम सहायक अभियंता लो नि वि एवं मुकेश उत्तम क्षेत्राधिकारी मुख्यालय परिवहन आयुक्त कार्यालय लखनऊ, अनिल कुमार सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रर्वतन) आगरा, ललित कुमार सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रर्वतन) द्वितीय आगरा, विनोद शर्मा अभियन्ता राष्ट्रीय राजमार्ग 19 और संजीव उपाध्याय सहायक अभियंता शामिल रहे