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छात्र अपहरण कांड में 14 साल बाद पीड़ित परिवार को मिला न्याय, आरोपियों को हुई 10 साल की सजा

by admin
After 14 years in the student kidnapping case, the victim's family got justice, the accused were sentenced to 10 years.

Agra. सोमवार को अपर जिला जज मिर्जा जीनत का एक फैसला एक परिवार के लिए खुशी लेकर आया। इस फैसले के बाद यह परिवार इसलिए खुश दिखाई दिया क्योंकि 14 साल बाद इस मुकदमे में फैसला आया और आरोपियों को सजा भी हुई। 14 साल का इंतजार परिवार की जीत बना।

खंदौली में हुआ था छात्र का अपहरण

मामला खंदौली के गांव पुरा गोवर्धन से जुड़ा हुआ है। 14 साल पहले सेंट एंड्रूज स्कूल के छात्र हर्ष सिंह उर्फ गोल्डी के अपहरण के मामले में आरोपित आठ लोगों को अपर जिला जज ने दोषी पाया और अपना फैसला सुनाया। इसमें दोषियों को दस वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। 80 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया।

2008 की है घटना

घटना पांच फरवरी 2008 को हुई। गांव पुरा गोवर्धन निवासी सुभाष सिकरवार का 12 वर्षीय बेटा हर्ष सिंह उर्फ गोल्डी कक्षा आठ में पढ़ता था। घटना वाले दिन सुबह 8:30 बजे घर से स्कूल पढ़ने गया था। घर से निकलते ही नगला चंदन से आगे आबिदगढ़ के रास्ते में गोल्डी को खेत में घात लगाकर बैठे क्वालिस सवार बदमाशों ने रोक लिया। इसके बाद गाड़ी में डाल लिया। तमंचे से जान से मारने की धमकी दी। गोल्डी ने शोर मचा दिया। इस पर खेतों में काम कर रहे ग्रामीण आ गए। उन्होंने गाड़ी की घेराबंदी शुरू कर दी। नगला चंदन गांव के लोगों ने घेराबंदी कर गाड़ी को रोक लिया। छात्र को मुक्त करा लिया। गाड़ी में सवार राजू, ओसपाल और टिंकू को पकड़ लिया। बाकी साथी भाग गए। सूचना पर पुलिस आ गई।

चाचा ने दर्ज कराया था मुकदमा

इस मामले में हर्ष के चाचा अरविंद कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की। इसके बाद विवेचना में कई और नाम प्रकाश में आए। पुलिस ने अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया। पुलिस ने टिंकू उर्फ प्रेमशंकर, ओसपाल, वीरी सिंह, प्रमोद, प्रेमपाल, खेतपाल, कुंवरपाल और सुरेश के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया।

7 लोगों की हुई गवाही

अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से एडीजीसी प्रदीप कुमार शर्मा ने वादी सहित सात गवाह कोर्ट में प्रस्तुत किए। अभियुक्तों के अपराध को अक्षम्य गंभीर बताते हुए आजीवन कारावास की दलील दी। कोर्ट ने साक्ष्य के आधार पर सभी आठ आरोपियों को दोषी पाते हुए दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। अर्थदंड भी लगाया।

आरोपी और निवासी

कुंवरपाल, सुरेश और खेतपाल निवासी नगला धरम, सकरौली, एटा।
प्रेमशंकर निवासी बछाकर, अवागढ़, एटा। ओसपाल, वीरी, प्रमोद और प्रेमपाल निवासी अवागढ़, एटा।

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