आगरा। शिव वाटिका शमशाबाद रोड पर जन-जन के कल्याण के लिए चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में सरस कथा व्यास आचार्य हरिओम जी ने बताया की भगवान श्री कृष्ण ने कामदेव के अहंकार को दूर करने के लिए रासलीला की।
प्रख्यात कथा व्यास आचार्य श्री रामनजर जी महाराज (पूज्य श्री हरि जी महाराज) के सानिध्य में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में आचार्य श्री हरि ओम जी महाराज ने सर्वप्रथम रासलीला का वर्णन किया। आचार्य जी ने बताया शरद ऋतु की रात्रियों में हजारों गोपियों के साथ भगवान श्री कृष्ण ने रासलीला की। आचार्य जी ने रासलीला के रहस्य को बताते हुए कहा कि रासलीला केवल स्त्री और पुरुष का मिलन नहीं है अपितु रासलीला जीव और ईश्वर का मिलन है और कामदेव के अहंकार को दूर करने के लिए ही परमात्मा ने रासलीला की। दूसरा कारण पूर्व में दिए हुए वरदानों के कारण गोपिया ब्रज में प्रकट हुई तो पूर्व में दिए हुए वरदान को सिद्ध करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला की।
आगे आचार्य जी ने कंस के उद्धार की कथा का वर्णन किया आचार्य जी ने बताया कंस कालनेमि का अवतार था और कंस ने संतो को ब्राह्मणों को गाय को देवताओं को बड़ा भारी कष्ट दिया। राक्षसों के उद्धार के लिए ही भगवान का अवतार होता है इसी कारण परमात्मा ने मथुरा में जाकर के कंस का उद्धार कर धर्मराज की स्थापना की।
आगे आचार्य जी ने उद्धव प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया उद्धव जी का प्रसंग ज्ञान के ऊपर भक्ति और प्रेम की विजय है।
भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणी के विवाह की कथा का बड़ा ही मनोहर मनोहारी वर्णन किया। पधारे हुए श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण के विवाह की संगीतमय कथा सुनकर के झूमने लगे। आचार्य जी ने बताया कल कथा का अंतिम दिन है कल श्री सुदामा जी महाराज का चरित्र होगा और व्यास पूजन होगा।
आज श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा में सौनू शर्मा, भानू शर्मा धिमश्री हाट वाले, समाजसेवी श्याम भोजवानी, विनोद शर्मा, राम गोपाल बित्थरिया, हिमेश बित्थरिया, संजय उपाध्याय, ऋषि उपाध्याय, कौशल शर्मा, गणेश पलिया, श्रीभगवान शर्मा, महेंद्र सिंह ठाकुर, श्रीमती राधिका, राहुल बित्थरिया आदि उपस्थित रहे