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श्री बांके बिहारी मंदिर में चूहों ने बरपाया क़हर, फर्श धंसा, जांच हुई तो गहरे गड्ढे देख उड़े होश

by admin
Rats wreaked havoc in Shri Banke Bihari temple, the floor sank, when the investigation was done, the senses flew away after seeing the deep pits

Mathura. वृंदावन के विश्व विख्यात ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर में चूहों ने कहर बरपा रखा है। चूहों ने मंदिर के गेट नंबर एक के समीप के चबूतरे को खोखला कर दिया है जिससें मंदिर का फर्श धंस गया है। चबूतरे के धंस जाने की जानकारी होने के बाद मंदिर प्रबंधन ने फर्श की मरम्मत का काम शुरू करा दिया है। मंदिर प्रबंधक मुनीश कुमार ने बताया कि फर्श के नीचे जमीन खोखली थी और गहरे गहरे गड्ढे थे। आशंका है कि यह सब चूहों के कारण हुआ है।

बताया जाता है कि पिछले कई दिन से ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर के गेट नंबर एक के पास चबूतरे के कुछ पत्थरों को गोस्वामी और मंदिर के कर्मचारियों ने धंसते हुए देखा। उन्होंने इसकी जानकारी मंदिर प्रबंधन को दी। मंदिर प्रबंधन के कर्मचारियों ने चबूतरे के पत्थरों को हटवाकर देखा तो दंग रहे गए। जमीन में दो फीट गहरे गड्ढे थे। इसके बाद प्रबंधन द्वारा फर्श की मरम्मत का कार्य शुरू कराया गया। मंदिर परिसर के पानी की निकासी के लिए चबूतरे के नीचे बनी नाली भी जाम पड़ी मिलीं हैं। इनमें मिट्टी भरी मिलने के पीछे चूहे माने जा रहे हैं। चूहों ने पत्थरों के नीचे एक से दो फुट गहरे गड्डे बना रखे हैं। मंदिर प्रबंधक मुनीष शर्मा ने बताया कि मरम्मत का काम शुरू करा दिया है।

करीब 200 वर्ष पुराना है मंदिर

विश्व विख्यात ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर का निर्माण लगभग 200 वर्ष पूर्व कराया गया था। इसके बाद से इसके विस्तार के साथ समय-समय पर मरम्मत के कार्य होते रहते हैं। गत वर्ष कोरोना काल में मंदिर के आंगन का नव निर्माण के साथ ही दीवारों की मरम्मत का काम कराया गया था। ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर के प्रबंधक मुनीष शर्मा ने बताया कि मंदिर के गेट नंबर एक के समीप चबूतरा के फर्श के धंसने के बाद जांच कराई गई, जमीन खोखली मिली है। मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया है। वैसे पूरी तरह से जांच और दुरुस्त कराने के लिए सिविल इंजीनियरों की टीम को बुलाया गया है। टीम द्वारा सर्वे कर स्थिति का पूर्ण आंकलन करने के बाद चबूतरा के जीर्णोद्धार का काम कराया जाएगा।

पहले भी हो चुका है मंदिर को नुकसान

ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर को पहले भी नुकसान हो चुका है। चार वर्ष पहले मंदिर के चौक में पानी के रिसाव से नुकसान हुआ था। इसके बाद मंदिर के चौक का फर्श जगह-जगह से धंसने लगी। अनहोनी की आशंका के बाद मंदिर प्रबंधन ने सिविल इंजीनियरों से चौक का निरीक्षण कराया और वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान मंदिर के चौक का नवनिर्माण कराया गया। इससे पहले मंदिर के सेवायत के द्वारा मंदिर के गर्भ गृह में पानी भरकर नौका विहार कराए जाने के कारण दीवारों से पानी का रिसाव हुआ था। इससे भी मंदिर को नुकसान हुआ। मंदिर की दीवारों में पानी के रिसाव को रोकने के लिए मंदिर प्रबंधन द्वारा संपूर्ण मंदिर की दीवारों पर केमिकल का लेप लगवाया गया।

मंदिर की धुलाई से रिसता है पानी

ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के बाद दोपहर में होने वाली पानी की धुलाई से पानी का रिसाव होता है। इससे पुराने मंदिर के फर्श को भी नुकसान पहुंच रहा है। मंदिर के सेवायत दिनेश गोस्वामी एवं पूर्व सदस्य मंदिर प्रबंध समिति ने बताया कि ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर लगभग 200 वर्ष पुराना मंदिर है। इस मंदिर के रखरखाव के लिए मंदिर प्रबंधन को समय-समय पर सर्वे कराना बहुत आवश्यक है।

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