कोरोना महामारी पर टूलकिट की साज़िश को बेनकाब करने के लिए और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से जांच कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसके साथ ही यह मांग की गई है कि अगर टूल किट मामले में कांग्रेस पार्टी दोषी साबित होती है तो ऐसे में कांग्रेस पार्टी का पंजीकरण निलंबित किया जाना चाहिए।अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने इस दाखिल की गई याचिका में कांग्रेस पार्टी, केंद्र सरकार और केंद्रीय चुनाव आयोग को पक्षकार बनाया है। साथ ही टूल किट मामले में केंद्र सरकार को प्रारंभिक मामला दर्ज करने के निर्देश देने की भी मांग की है। अधिवक्ता झा ने इस अपराध को उजागर करने के लिए मामले की जांच आईपीसी की धारा 120 बी के साथ-साथ अन्य विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 के तहत किए जाने की मांग की है।
दरअसल बुधवार को बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सबूत पेश किए थे। वहीं बीजेपी पार्टी ने आरोप लगाया कि यह टूलकिट कांग्रेस ने तैयार की है जिसके जरिए कोरोना काल में राजनीतिक लाभ लेने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने की तैयारी थी। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आगे कहा कि यह टूलकिट सौम्या वर्मा ने तैयार की है। पात्रा ने दावा किया कि सौम्या कांग्रेस सांसद एमवी राजीव गौड़ा के ऑफिस में काम करती हैं। बीजेपी के इस दावे के बाद ट्विटर पर ‘सौम्या वर्मा’ का नाम ट्रेंड करने लगा है। वहीं संबित पात्रा ने अपने ट्विटर हैंडल से सारे सबूत भी पेश किए।
हालांकि राहुल गांधी ने अपने बयानों में कहा है कि बीजेपी झूठ बोल रही है। साथ ही कहा कि भाजपा अपनी असफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए झूठ फैलाते हुए आरोप लगा रही है। टीकों की आपूर्ति में कमी है जबकि कोविड-19 से मौतें बढ़ रही हैं। केंद्र सरकार की नीति है – ध्यान भटकाना और झूठ फैलाना।
बहरहाल ,याचिका में चुनाव आयोग को कांग्रेस का रजिस्ट्रेशन निलंबित करने के निर्देश देने की मांग की है और कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सामान्य लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने के आरोप सिद्ध होते हैं तो कांग्रेस पार्टी का रजिस्ट्रेशन निलंबित किया जाए। अलावा इसके केंद्र सरकार की छवि धूमिल करने वाले बैनर पोस्टर और होर्डिंग्स लगाने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश आम जनमानस और राजनीतिक दलों के लिए दिए जाएं।झा ने याचिका में अंतिम संस्कार और नदियों में बहकर आने वाले शवों की तस्वीरों के इस्तेमाल और कोरोना म्यूटेंट का नाम भारत और उसके प्रधानमंत्री के नाम पर रखने के खिलाफ सख्त निर्देश देने की बात कही है।