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RTO का फ़र्ज़ी ऑफिस खोल कर वसूली का बड़ा ख़ेल आया सामने, गैंग के दो सदस्य गिरफ़्तार

by admin
A big game of recovery came to the fore by opening the fake office of RTO, two gang members arrested

Agra. फर्जी आरटीओ ऑफिस चलाने और व्यवसायिक वाहनों की ऑनलाइन आरटीओ टैक्स की फर्जी रसीद देकर धोखाधड़ी करने वाले गैंग के दो और सदस्यों को आगरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों ही आरोपी बूथों पर बैठकर व्यवसायिक वाहन चालकों से रुपये लेकर फर्जी रसीद काटते थे। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी गिरोह के सरगना राहुल के लिए काम करते थे जो पहले ही जेल जा चुका है। बताते चलें कि फर्जी आरटीओ टैक्स की रसीद काटकर इस गिरोह के सदस्य मोटी रकम कमाते थे जिसे सभी पार्टनरों में बांटा जाता था।

युवक ने दर्ज कराया था मुकदमा

आवास विकास कॉलोनी सेक्टर चार ए निवासी पुनीत पाराशर ने आगरा परिक्षेत्र के साइबर क्राइम थाना में मुकदमा दर्ज कराया था। उनसे रुपये लेकर ऑनलाइन टैक्स की जो रसीद दी गयी वो फर्जी थी। इस शिकायत पर पुलिस हरकत में आई और ऑनलाइन रोड टैक्स के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रकम लेने वाले गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया और इस पूरे गैंग का खुलासा किया था।

गैंग का सरगना जा चुका है जेल

अभियुक्त परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर वाहन चालको से ऑनलाइन टैक्स के नाम पर पैसा वसूलते थे और उन्हें फर्जी रसीद दे देते थे। इस मामले में इस गिरोह का सरगना और उसके 8 सदस्य पहले ही जेल जा चुके हैं। इनमें राजेंद्र उर्फ राजू, प्रेम सिंह, मोनू, हर्ष मित्तल, बलवीर उर्फ बल्लो, अजीत, राहुल और प्रवीन थे। पुलिस के टारगेट पर अभी विभिन्न राज्यों की सीमा पर बने फर्जी बूथों के कर्मचारी और सरगना हैं। उनकी तलाश की जा रही है।

ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा

आरोपी परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाते थे। इससे ऑनलाइन टैक्स जमा करने के नाम पर वाहन चालकों से रकम लेते थे। मोबाइल पर मैसेज भी भेजते थे। इससे लोग विश्वास करते थे। फर्जी रसीद भी तैयार करके दे देते थे। पुलिस की पूछताछ में गैंग के अन्य सदस्यों के नाम सामने आए थे। थाना प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि गैंग के दो और सदस्यों गौतमबुद्ध नगर निवासी सुमित कुमार और अंकुर को गिरफ्तार किया है। उनसे दो मोबाइल, छह फर्जी वेबसाइट और दो आधार कार्ड बरामद किए गए।

10वीं और 12वी पास चला रहे थे गैंग

पुलिस ने बताया कि सुमित इंटरमीडिएट पास है, जबकि अंकुर ने दसवीं कर रखी है। सुमित के गांव में गैंग के सरगना राहुल की रिश्तेदारी है। इससे सुमित की भी उससे पहचान थी। वर्ष 2015 से सुमित और अंकुर राहुल के साथ जुड़ गए थे। तब से इस काम में लगे थे। राहुल को पिछले दिनों पुलिस ने जेल भेज दिया था।

हर बार्डर पर अलग बूथ और पार्टनर बनाता था राहुल

पुलिस की पूछताछ में सुमित ने बताया कि राहुल ने उन्हें काम पर रखा था। इसके लिए दस हजार रुपये महीने तक देता था। कोसी बार्डर पर गुलशन ढाबा है। उन्होंने ढाबा के पास बूथ बना रखा था। इसमें राहुल के साथ जिले सिंह प्रधान का बेटा रोहित पार्टनर है। अंबाला में शंभू बार्डर पर दीप, गुरजीत, राहुल, काला, सलीम मनू काम करते हैं। इसमें कृष्ण और राहुल पार्टनर हैं। मेरठ में शोभापुर रोड पर कृष्ण, अभी और राहुल पार्टनर हैं।

एक दिन आठ से नौ हजार रुपये कमाई

सुमित ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह बूथ पर पैसा इकट्ठा करते थे, जो पैसा आता था शाम को पार्टनर रकम लेते थे। राहुल के खाते में रकम जमा की जाती थी। राहुल के पकड़े जाने पर वेबसाइट बंद हो गई। इस पर उन्होंने दो नई वेबसाइट बना ली। एक दिन में एक बूथ पर आठ से नौ हजार रुपये की रसीद कट जाती हैं।

शिकायत पर बंद कर देते थे बूथ

आरोपी फर्जी रसीद के पीछे अपने पार्टनर का नंबर लिखते थे जिससे पकड़े जाने पर वाहन चालक उनसे बात कर सके। बात करने पर यही कहते थे कि वह पुलिस से शिकायत नहीं करे। उसे चालान और टैक्स का पैसा वापस कर देंगे। इस पर वाहन चालक राजी हो जाता था। अगर किसी बूथ की शिकायत कर दी जाती थी तो आरोपी बूथ बंद करके फरार हो जाते थे। अब पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी है।

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