आगरा। श्री 1008 हसायन पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, सेक्टर 4 आवास विकास कॉलोनी, सिकंदरा आगरा में विराजमान आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के परम् प्रिय शिष्य मेडिटेशन गुरु उपाध्यय श्री विहसंत सागर जी महाराज जी, संसघ के सानिध्य में 21वां दीक्षा जयंती समारोह बड़े धूमधाम से मनाया गया। आज उपकारी के उपकार – दिवस कर दीक्षार्थी आना मुनि बने आज 21 वर्ष पूर्ण हुए। मेडिटेशन गुरु मुनिराज विहसन्त सागर का जन्म 12 अगस्त 1983 को जगदलपुर छत्तीसगढ़ में हुआ। मेडिटेशन गुरु मुनिराज विहसन्त सागर का ग्रहस्थ अवस्था का टीकमगढ़ से खास नाता है। मबई ग्राम इनका ननिहाल था और माडुमड(पपौरा जी) इनका पैतृक गाँव था। 24 मई को श्रुतपंचमी थी इसी दिन 2004 नागपुर महाराष्ट्र में गणाचार्य श्री विराग सागर जी मुनिराज से मेडिटेशन गुरु मुनिराज विहसन्त सागर ने क्षुल्लक दीक्षा ली थी। 27 फरवरी 2012 सोनागिर क्षेत्र में मुनि दीक्षा, 13 फरवरी 2023 को उपाध्याय पद मिला।
आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के चित्र के सम्मुख चित्र अनावरण आगरा दिगम्बर जैन परिषद के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद जैन, मंत्री सुनील जैन ठेकेदार, राकेश जैन पर्दे वाले, मनोज बाकलीवाल, अनिल जैन रहिश, राजकुमार जैन, राजू गोधा,सुबोध पाटनी ने किया। दीपप्रज्जवलन विजय जैन-अभय जैन निमोरब ने किया। पंडित आशुतोष शास्त्री के सानिध्य मे ध्वजारोहण अशोक जैन-नीलिमा जैन, अशय जैन-शैफाली जैन बगदा ने किया और मंच उद्धघाटन महावीर प्रसाद जैन ने किया। दीपेश जैन ने भजन पर श्रृद्धालुओं के नृत्य ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। आगरा के सभी मन्दिर कमेटी के लोगों ने चातुर्मास के लिए मुनि श्री श्रीफल चढ़ाया गया।
मेडिटेशन गुरु उपाध्यय श्री विहसंत सागर जी महाराज ने बताया
आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज जी ने नागपुर मे मुनि दीक्षा मेडिटेशन गुरु उपाध्यय श्री विहसंत सागर जी महाराज जी को दी ती स दीक्षा के दिन धोती-दुप्पटा पहनकर सुबह-सुबह प्राचीन मन्दिर नागपुर में भगवान आदिनाथ का मस्तकाअभिषेक किया और आचार्य श्री ने 400 साधुओ के सानिध्य में मुनि श्री का नाम विहसंत सागर जी महाराज रखा। महानुभावो की बड़ी अनुकम्पा बहुत पड़ती हैं पुरे 400 साधुओं के संघ मे सबसे लाडला, सबसे प्यारा उन्होंने मुझे समझा इसलिए अपनी जन्म नगरी का जन्मकल्याण पंचकल्याणक में साधु सम्मेलन सबसे छोटे संघ को दे दिया, जाओ तुम्हें करवाना हैं और एक दिन में मीटिंग नहीं की, नहीं कोई व्यवस्था नहीं और बागडोर सौप दी। आज उनकी दीक्षा जयंती के रूप में कार्यक्रम बना रहे हैं और आचार्य श्री ने पिछि और कमंडल सौप दी।
मुनि श्री का पाद प्रक्षालन सुमेर चंद जैन परिवार ने किया, शास्त्र भेंट और बालिका मण्डल ने मंगलाचरण किया। मुनिश्री के दीक्षा दिवस पर देश के विभिन्न प्रांतों से आए हजारों भक्तों ने भाग लिया। इस मौके पर धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। प्रांगण में आयोजित दीक्षा समारोह में ग्वालियर, घिरोर, दिल्ली से आदि प्रांतों से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया। दोपहर में जैसे ही मुनिश्री के संघ का मंच पर आगमन हुआ समूचा परिसर उनके जयकारों से गुंजायमान हो उठा। मंच संचालन मनोज जैन बाकलीवाल ने किया।
इस मौके पर मंदिर कमेटी अध्यक्ष उमेश जैन, मंत्री सुशील जैन, कोषाध्यक्ष जिनेश जैन, मुकेश जैन, डॉ आलोक जैन, प्रवीन जैन, सुनील जैन ठेकेदार, विजय जैन निमोरब, अनिल आदर्श जैन, हेमा जैन, सुमेर चंद जैन, संतोष जैन, राकेश जैन, शुभम जैन, मीडिया प्रभारी राहुल जैन और नवयुवक मण्डल, सकल जैन समाज मौजूद था।