आगरा. 20/03/2024. आज बुधवार को मण्डलायुक्त रितु माहेश्वरी ने कलेक्ट्रेट परिसर का निरीक्षण किया। सर्वप्रथम राजस्व अनुभाग में कार्यरत राजस्व सहायक द्वारा सम्पादित किये जाने वाले कार्यों का निरीक्षण किया। सामान्य सहायक पटल पर पत्रावलियों का रख-रखाव और कर्मचारियों की चरित्र पंजिकाओं का अवलोकन किया। कुछ पत्रावलियों में कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि वर्ष 2019-20 के बाद से अद्यावधिक नहीं पायी गयी। संबंधित कर्मचारी को प्रविष्टियां पूर्ण करने के निर्देश दिये।
आँग्ल अभिलेखागार में बीडिंग रजिस्टर और बस्ते चैक किये। बस्तों में पत्रावलियाँ इन्डैक्स के अनुसार नहीं पायी गयी और कुछ पत्रावलियां की अवधि समाप्त हो चुकी थी, उनको नष्ट नहीं किया गया है। बीडिंग न होने एवं पत्रावलियों का रख-रखाव सही न होने पर प्रभारी अधिकारी, सह प्रभारी अधिकारी एवं आँग्ल अभिलेखपाल को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिये। साथ ही बीडिंग हेतु 02 माह का समय दिया गया।
संग्रह अनुभाग में वसूली रजिस्टर चैक किये गये। वसूली की अवशेष मांग की जानकारी करने पर अवगत कराया गया कि 19.66 करोड़ वसूली अवशेष है, जबकि जांच के दौरान पोर्टल पर अवशेष मांग 1175 करोड़ है। वास्तविक एवं पोर्टल मांग में बड़ा अन्तर होने, वसूली रजिस्टरों में मिलान न करने व समीक्षा पुस्तिका में निर्देशओं के बाद भी ग़लत माँग दिखाने पर मण्डलायुक्त नाराज हुयी। गम्भीरता से कार्य न करने पर मुख्य राजस्व लेखाकार को निलम्बित करने के निर्देश दिये गये।
नजूल अनुभाग का निरीक्षण किया। निर्देश दिये कि जिन नजूल भूमि का पट्टा नहीं हुआ है, उनका वेरीफिकेशन कर पृथक से रजिस्टर बनाने एवं खाली पायी जाने वाली भूमि पर तार फन्सिंग एवं सरकारी भूमि का बोर्ड लगाने के निर्देश दिये गये।
राजस्व अभिलेखागार का निरीक्षण किया गया। समयावधि पूर्ण हो चुकी पत्रावलियों की बीडिंग नहीं करायी गयी है। बीडिंग न होने पर प्रभारी अधिकारी, सह प्रभारी अधिकारी एवं राजस्व अभिलेखपाल को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिये। नकल हेतु प्राप्त होने वाले आवेदन का निरीक्षण किया गया। नवम्बर 2023 से प्राप्त बहुत आवेदन पत्र जिनकी नकल जारी होना नहीं पाया, उनके आवेदन पत्र दिखाने के लिये कहा गया, लेकिन संबंधित राजस्व अभिलेखपाल आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं कर सके, जिसपर राजस्व अभिलेखपाल को प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने के निर्देश दिये। न्यायिक अभिलेखागार में भी बीडिंग न होने पर प्रभारी अधिकारी, सह प्रभारी अधिकारी एवं न्यायिक अभिलेखपाल को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी न्यायालय में राजस्व, स्टाम्प इत्यादि वादों से संबंधित पत्रावली देखी गई। तत्पश्चात जिलाधिकारी कार्यालय में मण्डलायुक्त महोदया ने समस्त एडीएम/नगर मजिस्ट्रेट/एसीएम के साथ बैठक कर अन्य कार्यों की समीक्षा की। बैठक में मण्डलायुक्त महोदया न अमीन वार वसूली का सही डाटा उपलब्ध नहीं कराने पर नाराजगी जाहिर की। निर्देश दिये गये वास्तविक मांग के अनुसार अमीनों का वसूली का लक्ष्य दिया जाये। चरित्र/हैसियत प्रमाण पत्र अत्याधिक संख्या में लम्बित होने पर नाराजगी व्यक्त की, शीघ्र ही तहसीलों से आख्या प्राप्त कर, प्रकरण को निस्तारण करने के निर्देश दिये। मांग पत्र के सापेक्ष शत-प्रतिशत पत्रावलियाँ न्यायालय को न भेजने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये गये। दाखिल दफ्तर पत्रावलियों की समीक्षा करते हुये निर्देश दिये गये जिन न्यायालयों में 100 से ज्यादा पत्रावली अभिलेखागार में जमा करने के लिये लम्बित हैं, उनके संबंधित के खिलाफ जिम्मेदारी तय करने एवं कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। अपर जिलाधिकारी (नगर) न्यायालय में वादों की संख्या अत्याधित होने पर राजस्व/क्रिमिनल से जुड़े वादों को अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के न्यायालय में हस्तांतरित करने के निर्देश दिये। आईजीआरएस संदर्भों के गुणवत्तापरक निस्तारण कराने एवं गलत रिपोर्ट लगाकर निस्तारण करने वाले पर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
ऑडिट आपत्तियों से जुड़ी पत्रावललियों की जांच की गयी। वर्तमान में कार्यरत ऑडिट सहायक द्वारा किसी भी पत्रावली में कोई निस्तारण न किये जाने पर नाराजगी जताई गयी। संबंधित ऑडिट सहायक को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के साथ अगामी तीन माह में सभी ऑडिट आपत्तियों का निस्तारण कराने एवं अन्यथा की स्थिति में निलम्बन की प्रभावी कार्यवाही कराये जाने के निर्देश दिये गये। साथ ही अनुपालन आख्या क्रमिक प्रगति के साथ अगले 1-3 माह में भेजने के निर्देश दिये।