आगरा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा प्रायोरिटी कॉरिडोर के भूमिगत भाग में पहली टनल का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। टनल बोरिंग मशीन ‘यमुना’ द्वारा ताजमहल मेट्रो स्टेशन पर ब्रेकथ्रू के साथ ही तीनों स्टेशन के बीच अप-ट्रैक हेतु पहली टनल का निर्माण पूरा हो चुका है। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने इस उपलब्धि के लिए आगरा मेट्रो टीम की सराहना की है।
बता दें कि 6 फरवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा टीबीएम यमुना को रामलीला मैदान स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट से लॉन्च किया गया था। इसके बाद टीबीएम यमुना ने महज 8 महीनों में प्रायोरिटी कॉरिडोर के भूमिगत भाग में पहली टनल का निर्माण कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वहीं, टीबीएम गंगा भी तेज गति के साथ मिड शाफ्ट व ताजमहल मेट्रो स्टेशन के बीच टनल का निर्माण कर रही है।
इससे पहले टीबीएम शिवाजी ने रैंप क्षेत्र में ब्रेकथ्रू कर भूमिगत भाग को ऐलिवेटिड भाग में जोड़ने वाली टनल का निर्माण पूरा किया था। फिलहाल टीबीएम शिवाजी को कट एंड कवर साइट से बाहर निकालने का काम किया जा रहा है। इसके बाद टीबीएम शिवाजी को डाउन लाइन में टनल निर्माण हेतु पुन: लॉन्च किया जाएगा। इसके साथ ही भूमिगत भाग की अप लाइन में ट्रैक सहित विभिन्न सिस्टमों का काम शुरू किया जाएगा।
ऐसे होता है टनल का निर्माण
टीबीएम द्वारा भूमिगत मेट्रो टनल निर्माण को मुख्य तौर पर तीन चरणों में विभाजित किया जाता है। इस प्रक्रिया में प्रथम चरण इनीशीयल (प्राथमिक) ड्राइव होता है, जिसमें टीबीएम द्वारा लॉन्चिंग शाफ्ट (मशीन को लॉन्च करने की जगह) से टनल की खोदाई का काम शुरू किया जाता है। इस चरण में शुरुआती/अस्थाई रिंग्स को मैनुअल तरीके से लगाया जाता है, इस दौरान मशीन में लगे थ्रस्ट जैक इन अस्थाई रिंग सेग्मेन्ट्स की मदद से टीबीएम को आगे बढ़ाते हैं। इसके बाद टीबीएम मेन ड्राइव में पहुंचती है, जिसमें टीबीएम खोदाई के साथ ही स्थाई रिंग सेगमेन्ट्स लगाते हुए टनल का निर्माण करती है। इसके बाद टीबीएम मशीन दूसरे छोर पर ब्रेकथ्रू करते हुए बाहर आती है।
टनल बोरिंग मशीन विभिन्न हिस्सों में विभाजित होती है। टीबीएम के सबसे अग्रिम भाग फ्रंट शील्ड में कटिंग हैड होता है, जिसकी मदद टीबीएम मिट्टी को काटते हुए सुरंग की खोदाई करती है। कटिंग हैड में एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यवस्था होती है, जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉज़ल के द्वारा मिट्टी पर छिड़का जाता है। इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हैड पर नहीं चिपकती और आसानी से मशीन में लगी कनवेयर बेल्ट की मदद से मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है, जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिए में भेज दिया जाता है।
इसके साथ ही मशीन के पिछले हिस्से में प्रीकास्ट रिंग सेगमेंट को लॉन्च करने की व्यवस्था भी होती है। टनल निर्माण के दौरान रिंग सेगमेंट लगाने के बाद टीबीएम द्वारा ही रिंग सेगमेंट एवं मिट्टी के बीच में ग्राउटिंग स़ोल्यूशन भर दिया जाता है, जो कि रिंग सेगमेंट्स और मिट्टी के बीट मजबूत जोड़ स्थापित कर टनल को मजबूती प्रदान करता है। टीबीएम के मिड शील्ड में लगे थ्रस्टर्स मशीन को आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे।
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