Agra. आगरा की एक और बेटी ने अपनी कड़ी मेहनत से अपने सपनों को पंख लगाए और आसमान में छा गयी। इस बेटी का नाम राशि कन्नौजिया है जिसने नामनेर की तंग गलियों में क्रिकेट खेलने का सफर शुरू किया और टीम इंडिया में जगह बनाई है। अब आगरा की यह बेटी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाने को तैयार है। राशि कन्नौजिया का चयन बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली टी-20 और वनडे सीरीज के लिए महिला क्रिकेट टीम में हुआ है। बांग्लादेश के खिलाफ टी20 और वनडे खेले जा रही टीम इंडिया में बेटी का चयन होने से परिवार में भी खुशी की लहर देखने को मिल रही है।
मून ब्रेकिंग से बातचीत के दौरान राशि की मां राधा कनौजिया ने बेटी के इस सफर के पीछे संघर्ष की कहानी बयां की। उन्होंने बताया कि बेटी अक्सर भाइयों के साथ यूं ही क्रिकेट खेला करती थी। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि गलियों और घरों में जो बेटी क्रिकेट खेलती है वह एक दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलती हुई नजर आएगी। उन्होंने बताया कि उसका यह एक लंबा संघर्ष है। एक समय था जब बेटी क्रिकेट खेलती थी तो लोग ताने मारते थे कि बेटी को क्या लड़का बनाना है लड़के के खेल खिलौना क्यों जरूरी है। राशि के क्रिकेट खेलने के चलते उसकी सहेलियां भी उससे दूर हो गई थी। लेकिन बेटी के सपने को पूरा करने के लिए वह उसकी ढाल बनी और उसके हर कदम में उसका साथ दिया पति ने भी बेटी के सपने को साकार करने में कोई अड़चन नहीं आने दी जिसके चलते आज दोनों को अपनी बेटी पर गर्व है। साथ ही यह उन लोगों को सबक है जो बचपन में राशि को क्रिकेट खेलने से मना करते थे।
फोन पर राशि से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि उनकी सफलता के पीछे पिता का बहुत बड़ा सहयोग है। मां तो उनके साथ हर कदम में साथ खड़ी नजर आई लेकिन जब पिता ने सपोर्ट करना शुरू किया तो उनके सपनों को पूरी तरह से पंख लगना शुरू हो गए। पिता अशोक कुमार सेना से रिटायर्ड हैं। वर्तमान में नामनेर में ड्राई क्लीनर की दुकान चलाते हैं। मां राधा कनौजिया आर्मी स्कूल में टीचर हैं। वह अपने पेरेंट्स के सपोर्ट के बगैर क्रिकेट में आगे नहीं बढ़ सकती थीं। उन्हें क्रिकेट की दुनिया में लाने का श्रेय इंटरनेशनल खिलाड़ी हेमलता काला और उनके भाई को दिया।
राशि कनौजिया ने 12-13 वर्ष की उम्र में एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में क्रिकेट का प्रशिक्षण लेना प्रारंभ किया था। भारतीय क्रिकेट टीम की चयन समिति की चेयरपर्सन रहीं हेमलता काला और क्रिकेट कोच मनोज कुशवाह से उन्होंने क्रिकेट की बारीकियां सीखते हुए सफलता की डगर पर कदम बढ़ाए। हेमलता काला और नीतू डेविड को आदर्श मानने वाली राशि वर्ष 2017 में हुए इंडिया अमेजिंग कप में इंडिया-ए टीम की ओर से खेली थीं। इसके बाद उन्होंने बांग्लादेश व श्रीलंका का दौरा इंडिया-ए टीम की ओर से किया था।
कड़ी मेहनत का मिला फल
इसके बाद उन्होंने आठ साल लगातार मेहनत की। फिर उनको मौके मिलते गए। वह लगातार उत्तर प्रदेश की ओर से खेल रही हैं। उन्होंने अंडर-19 से बीसीसीआई की बोर्ड ट्राफी का सफर शुरू किया। इसके बाद अंडर-23, सीनियर, सेंट्रल जोन की टीमों में अपने प्रदर्शन से खुद को साबित किया। राशि इंडिया ए टीम का हिस्सा भी रही हैं। बीते साल बांग्लादेश और श्रीलंका दौरे पर गई इंडिया ए की जीत में अहम योगदान दिया था। राशि की प्रतिभा को देखते हुए मार्च 2023 में पश्चिम रेलवे ने स्पोर्ट्स कोटे में राशि को ग्रेड-सी में जूनियर क्लर्क की नौकरी भी दी।