आगरा। फूलपुर और गोरखपुर की सीट हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब चिंतन मनन और मंथन में जुट गई है। प्रदेश और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बावजूद बीजेपी फूलपुर और गोरखपुर की सीट कैसे हार गई। इसको लेकर भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश नेतृत्व विचार विमर्श कर रहा है।
भाजपा प्रदेश और केंद्र नेतृत्व के मुताबिक आगामी 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा का प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व बेहद गंभीर है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि फूलपुर और गोरखपुर की सीट हारने के बाद भाजपा प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के संगठन में बदलाव कर सकती है।
जिसको लेकर गुरुवार दोपहर से भाजपा के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व के खेमे में चर्चा जोरों पर है। क्योंकि 2019 लोकसभा का चुनाव नजदीक है। इसलिए BJP कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है।
सच्चाई तो यह भी है कि फूलपुर और गोरखपुर की सीट हारने के बाद BJP इस बात पर विचार विमर्श कर रही है कि केंद्र और प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बाद आखिरकार कौन सी वह कमी रह गई । जिसके चलते उपचुनावों में प्रदेश और केंद्र सरकार की किरकिरी हुई।
भाजपा के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व बैठक के जरिए संगठन में बदलाव कर सकता है । आंतरिक सूत्रों के मुताबिक संगठन में बदलाव के जरिए ताजनगरी आगरा में रहने वाले एक बड़े नेता का कद फिर बढ़ सकता है।
जानिए किस का बढ़ेगा कद
फूलपुर और गोरखपुर की सीट हारने के बाद भाजपा का प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व दिल्ली में चिंतन और मनन कर रहा है । आंतरिक सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के एक बड़े नेता एक बार फिर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तक पहुंच सकते हैं। ताजनगरी आगरा के एक बड़े नेता और शुरू से संघर्षशील जानने वाले नेता जी का नाम इस समय उप मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हो गया है । भाजपा के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक अपने नाम से पहचाने जाने वाले यह नेता जी इस समय दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
तो वहीं जानकारी यह भी है कि नेताजी को अभी कुछ दिन पहले ही पीएमओ ऑफिस से फोन आया। जिसके बाद ताजनगरी आगरा से लेकर दिल्ली और लखनऊ के गलियारों में नेताजी का नाम चर्चाओं में आ गया। अगर ऐसा होता है तो ताज नगरी आगरा का एक और सौभाग्य होगा जिसके चलते ताजनगरी आगरा के इन बड़े नेता का नाम उपमुख्यमंत्री के लिए शामिल हो जाएगा।
हालांकि महानगर जिला और ब्रज क्षेत्र के अधिकारी कुछ भी बोलने को राजी नहीं है। मगर राजनीतिक गलियारों में चर्चा इस बात की है कि आगरा के एक बड़े नेता का नाम इस समय उप मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल है और सभी लोग फोन पर संपर्क में हैं।