Agra. भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान जगबीर सिंह ने दावा किया है कि आगरा में अगर एक अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम बन जाए तो वे राष्ट्र को कई ओलंपियन इस ताजनगरी से ही दे सकते हैं। वे आज यहां एकलव्य स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ मैदान पर बच्चों को हाकी गुर सिखा रहे थे। इसी दौरान बातचीत में पूर्व कप्तान ने ये दावा किया।
मूल रूप से आगरा के निवासी जगबीर सिंह ने इसी मैदान में हॉकी का ‘क ख ग’ सीखा था। यहां से खेलते हुए वे लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल पहुंचे। इसके बाद वे भारतीय हाकी टीम के कप्तान तक बने। उन्होंने अपने खेल के दम पर ताजनगरी के साथ ही प्रदेश ओर देश का नाम रोशन किया। अपने समय में वे भारतीय हॉकी टीम के स्टार खिलाड़ी रहे। भारतीय हॉकी टीम में सेंटर फारवर्ड के नाम से विख्यात थे। उन्होंने ओलंपिक और विश्व कप में भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व किया। कप्तानी भी की। इसी दौरान इंडियन एयरलाइंस में नौकरी करने लगे। विगत दो वर्षों से कोरोना के कारण उन्होंने प्रवास दिल्ली की जगह अपनी जन्मभूमि यानी आगरा को ही बना लिया। कोरोना का प्रकोप कम हो जाने के बाद वे अब एकलव्य स्टेडियम में भी आने लगे हैं। यहां पर वे बच्चों को हॉकी के गुर तो सिखाते ही हैं, साथ ही खुद भी टेनिस खेलकर अपनी फिजिकल फिटनेस को बनाए रखे हैं।
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान कहते हैं एकलव्य स्टेडियम में जो एस्ट्रोटर्फ लगा है, वह छोटा है। इससे अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैच आगरा में नहीं कराए जा सकते हैं। इसलिए ताजनगरी में एक फुल साइज अंतरराष्ट्रीय मानकों वाला हाकी स्टेडियम होना चाहिए। इसके लिए वे खुद भी प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में शासन को पत्र भी लिखा है। वे इस बात को लेकर गंभीर हैं कि आगरा में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का हॉकी स्टेडियम होना चाहिए। जिससे कि आगरा के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा सकें।
पदमश्री से सम्मानित ओलंपियन जगबीर सिंह का कहना है कि दुनियां के लगभग दो सौ देशों में हाकी खेली जाती है। इन देशों में भारतीय हॉकी का नाम लेना ही काफी है। विगत 40 सालों में ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने के पश्चात तो भारतीय हॉकी को और चार चांद लग गए हैं। दुनियां में नाम रोशन हुआ है। पूर्व कप्तान ने कहा कि इस जीत में हमारे देश के युवा हॉकी खिलाड़ियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन्हीं खिलाड़ियों ने लखनऊ में विश्व कप जीता था।
उनका मानना है कि भुवनेश्वर, उड़ीसा हॉकी का हब बनता जा रहा है। यहां से भारतीय हॉकी टीम के लिए अच्छे खिलाड़ी निकल रहे हैं। इसी तरह वह आगरा में एक हॉकी सेंटर बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने जमीन की तलाश कर शासन को अवगत करा दिया है। एक्सप्रेस वे का पास जो ग्रेटर आगरा बन रहा है, वहां हॉकी के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्टर का एस्ट्रोटर्फ वाला मैदान बना देना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो वह यहां के खिलाड़ियों को तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने दावा किया कि अगर सरकार स्टेडियम बनवा दे तो वे आगरा का नाम विश्व पटल पर रोशन कर देंगे। आगरा में ताजमहल होने के कारण इसकी पहचान दुनियां में है। वैसे भी यह शहर देश की राजधानी के निकट भी है। इसलिए आवागमन की कोई समस्या नहीं है। दुनियां भर के लोग ताज देखने आते हैं, वे यहां खेलने भी आएंगे। अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बन जाए तो वे दुनियां के तमाम देशों के हॉकी खिलाड़ियों को आगरा खेलने के लिए बुला सकते हैं। जगबीर सिंह भारतीय हॉकी के उत्थान के लिए गंभीर हैं। विशेषकर अपनी जन्मभूमि यानी कि ताजनगरी पर उनका विशेष फोकस है।
जगबीर सिंह ने कहा कि वैसे तो भारत सरकार खेलों के उत्थान के लिए काफी प्रयास कर रही है। खेलो इंडिया के तहत टेलेंटेड खिलाड़ियों को स्कालरशिप दी जा रही है। जितनी भी राष्ट्रीय स्तर की टीमें तैयारी कर रही हैं, उनको टाप लेबल के कोच मुहैया कराये जा रहे हैं। खेल मंत्रालय और भारतीय खेल संघों के मध्य समन्वय बनाया जा रहा है। जिससे कि भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय फलक पर देश का नाम रोशन कर सकें। इस समय भारतीय पुरुष हॉकी के साथ ही महिला हॉकी का भी दुनियां में एक महत्वपूर्ण स्थान है।