Agra. आगरा जिला अस्पताल को अपना पहला कैंसर रोग विशेषज्ञ चिकित्सक मिल गया है। सोमवार को आगरा के जिला अस्पताल में कैंसर की ओपीडी शुरू हो गई। कैंसर की ओपीडी शुरू होने से कैंसर रोगियों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। कैंसर रोग विशेषज्ञ भूपेंद्र चाहर ने कैंसर ओपीडी की कमान संभाली है।
एफडी रेडियो थैरेपी स्पेशलिस्ट थे भूपेंद्र चाहर
कैंसर विभाग की कमान संभालने वाले चिकित्सक भूपेंद्र चाहर जिला अस्पताल में ईएनटी स्पेशलिस्ट थे लेकिन उन्होंने रेडियो थैरेपी में स्पेशलाइजेशन किया जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञ के रूप में पदभार ग्रहण किया और कैंसर की ओपीडी शुरू की।
पहले दिन ओपीडी में आये 10 मरीज
कैंसर रोग विशेषज्ञ भूपेंद्र चाहर ने बताया कि जिला अस्पताल में कैंसर ओपीडी शुरू होने पर पहले दिन 10 मरीज पहुँचे जिनको देखा गया और उचित परामर्श दिया गया। इन मरीजों में खंदारी निवासी हरिकिशन की स्थिति खराब थी जिन्हें जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग में भर्ती किया गया है। हरिकिशन को खाने की नली के कैंसर है।
कैंसर रोगी को मिलेगा पूरा इलाज
कैंसर रोग विशेषज्ञ भूपेंद्र चाहर ने बताया कि जिला अस्पताल में अब कैंसर रोगी को पूरा इलाज मिलेगा। जिला अस्पताल में कैंसर विभाग था लेकिन कैंसर विशेषज्ञ न होने के चलते कैंसर रोगियों का इलाज नही हो पा रहा है। अब जब ओपीडी शुरू हुई है तो कैंसर रोगी को पूरा इलाज होगा।
कैंसर से संबंधित होगी सभी जांच
डॉ. भूपेंद्र चाहर ने बताया कि जिला अस्पताल में कैंसर रोग की जांच के लिए सभी मशीन, लैब और व्यवस्थाएं है। मरीजों का मुफ्त सीटी स्कैन और सभी जांच होगी तो वहीं कीमोथेरेपी व जर्नल व ईएनटी की सर्जरी भी होगी।
वेस्टर्न यूपी में नहीं कैंसर विशेषज्ञ
डॉ. भूपेंद्र चाहर ने बताया कि वेस्टर्न यूपी के किसी भी जिला अस्पताल में कैंसर रोग विशेषज्ञ नहीं है। आगरा के जिला अस्पताल वेस्टर्न यूपी का पहला जिला अस्पताल है जहाँ कैंसर रोग विशेषज्ञ की तैनाती हुई है।
प्राइवेट हॉस्पिटल भागना पड़ता है
डॉ. भूपेंद्र चाहर ने बताया कि जिला अस्पताल से पहले सिर्फ सरकारी अस्पताल एसएन में ही कैंसर रोगियों का इलाज होता था। प्राइवेट हॉस्पिटल में भी इलाज होता है लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज महंगा होने के कारण लोग एसएन की ओर ही रूख करते थे। एसएन में भी मरीजों को इलाज के लिए सोर्स लगानी पड़ती थी और रोगियों को इलाज के लिए इधर उधर भागना पड़ता है। अब जिला अस्पताल में ओपीडी शुरू होने से गरीब मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।