चीन में भीषण बिजली आपूर्ति का संकट गहरा गया है। इस वजह से घरों की बिजली काटी जा रही है और फैक्ट्री को उत्पादन कटौती के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। China Power Crisis से देश की विशाल अर्थव्यवस्था के धीमा होने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव बढ़ने का खतरा है। भारत में कार, टीवी, मोबाइल और अन्य स्मार्ट गैजेट खरीदने वाले ग्राहकों को इस वजह से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
चीन में बिजली के इस संकट की वजह से दुनिया भर में कार और स्मार्टफोन समेत बहुत से इलेक्ट्रौनिक गैजेट के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। चीन के औद्योगिक क्षेत्रों में कंपनियों को बिजली की मांग को कम करने के लिए ऊर्जा खपत सीमित करने के लिए कहा गया है। चीन की सरकारी मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ घरों में बिजली आपूर्ति में कटौती की गई है, जिससे कुछ लोग लिफ्ट में फंस गए हैं।
चीन की सभी ताकतवर इकोनामिक प्लैनिंग एजेंसी देश के बिजली संकट को दूर करने में जुट गई हैं। बुधवार को चीन की सभी ताकतवर एजेंसियों ने अपने नागरिकों और कारोबारियों को भरोसा दिया है कि वे बिजली संकट से निपटने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं और बिजली आपूर्ति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं, जिससे कि बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
इस कारण गहराया बिजली संकट
चीन में बिजली संकट मैन्युफैक्चर्स की बढ़ती मांग के बीच कोयला सप्लाई में बाधा के कारण पैदा हुआ है। चीन में कुछ बंदरगाह लंबे समय से बंद थे, ऐसे में पावर प्लांट की मांग के हिसाब से कोयले की सप्लाई नहीं हो पाई। यह आपूर्ति अब भी बाधित है और कोयला मंगाने के लिए बंदरगाहों पर लंबा इंतजार किया जा रहा है। ऐसे में चीन के कई इलाकों में सरकार ने बिजली काटने की घोषणा कर दी है। इन इलाके में मॉल, दुकानें बंद हो गई हैं और फैक्ट्रियों में काम रोकना पड़ गया है।
पिछले कुछ सालों में चीन दुनिया भर की फैक्ट्री के लिए कच्चे माल के बड़े आपूर्तिकर्ता के रूप में विकसित हुआ है। दुनिया भर में इलेक्ट्रॉनिक्स, दवा, प्लास्टिक, कार, ऑटोमोबाइल्स और अन्य फैक्ट्रियों के लिए जरूरी सामान की आपूर्ति करने के मामले में चीन दुनिया का अग्रणी देश है। चीन के मौजूदा बिजली संकट के लंबा खिंचने की वजह से दुनिया भर की फैक्ट्रियों में काम प्रभावित हो सकता है। इससे ग्लोबल इकोनामी के संकट में आने और रोजगार एवं अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ने की आशंका है।