Agra. गोमती रिवर फ्रंट (Gomti River Front) घोटाले (Scam) मामले में सीबीआई (CBI) ने आगरा (Agra) में भी छापेमार कार्यवाही को अंजाम दिया। सोमवार तड़के सीबीआई की टीम ने विजयनगर कॉलोनी में स्थित पूर्व राज्यमंत्री और सपा में दबदबा रखने वाले नितिन गुप्ता (Nitin Gupta) के यहां पहुँची। नितिन गुप्ता की अनुपमा ट्रेडिंग कंपनी (Anupama Trading Company) है, जिस पर यह कार्यवाही की गई है। इस कार्यवाही से हड़कंप मचा हुआ है। बताया जाता है कि सीबीआई की एंटी करप्शन विंग ने कार्यवाई की है। टीम ने लगभग 1 घंटे तक कार्यवाई की और कंपनी के सभी दस्तावेज खंगाले जाने के साथ पूछताछ की।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lucknow) में गोमती नदी (Gomti River) के किनारे बने रिवर फ्रंट (River Front) से जुड़े घोटाले (Scam) को लेकर सीबीआई (CBI) ने सूबे के कई जिलों में छापेमारी (CBI Raid) की है। इतना ही नहीं सीबीआई ने यूपी के अलावा पश्चिम बंगाल (West Bengal) और राजस्थान (Rajasthan) में भी छापेमारी की है।

अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान गोमती नदी परियोजना में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई ने नया मामला भी दर्ज किया है। यूपी में 40, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक-एक सहित 42 स्थानों पर सीबीआई तलाशी ले रही है। रिवर फ्रंट घोटाले के मामले में यह सीबीआई की दूसरी एफआईआर है। इस केस में कुल 189 आरोपी हैं। यूपी में लखनऊ के अलावा, नोयडा, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा, आगरा में सीबीआई ने छापेमारी की है।
समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में राज्य मंत्री रहे नितिन गुप्ता की कंपनी अनुपमा ट्रेडिंग अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में काम कर रही थी। नितिन गुप्ता की कंपनी ने रिवर फ्रंट में पत्थर लगवाने का काम किया था। इस घोटाले में शामिल होने की आशंका पर सीबीआई ने उनके घर में छापा मारा। बिगर है कि नितिन गुप्ता समाजवादी पार्टी को छोड़ने के बाद भाजपा से जुड़ चुके हैं।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सरकार के कार्यकाल में लखनऊ में गोमती नदी के तट पर बने रिवर फ्रंट को समाजवादी पार्टी का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया गया था। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद से ही इसमें बड़े घोटाले के आरोप लगते रहे थे। यूपी में योगी सरकार आने के बाद इसकी प्रारंभिक जांच के बाद केस सीबीआई को सौंप दिया गया था। अब सीबीआई इस घोटाले के बड़े जिम्मेदारों पर अपना शिकंजा कस रही है।
लगभग 1500 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन टीम इस मामले की जांच कर रही थी। राज्य सरकार ने तीन साल पहले घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी।