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कानून बनने के 35 साल बाद भी शुरू नहीं हुईं उपभोक्ता अदालत, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत उठाएगा आवाज

by admin
Consumer courts did not start even after 35 years of becoming law, All India Customer Panchayat will raise voice

Agra. भारत सरकार ( Indian Gov) ने उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित किया था, जिसका उद्देश्य प्रत्येक जिले में एक उपभोक्ता अदालत होनी थी जिससें उपभोक्ताओं को सस्ता एवं शीघ्र न्याय मिल सके। इस कानून को बने करीब 35 वर्ष हो चुके हैं लेकिन इसके बावजूद आज भी उपभोक्ता अदालतें शुरू नहीं हो सकी है जिसको लेकर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ( Indian Consumer Panchayat) में नाराजगी है। ग्राहक पंचायत के आगरा जिला अध्यक्ष उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा व शीघ्र न्याय दिलाने हेतु उपभोक्ता अदालतों को शुरू करने के लिए जल्द ही लड़ाई ही शुरू करेंगे और इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौप कर की जाएगी।

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के जिलाध्यक्ष मुरारी लाल गोयल ने बताया कि उपभोक्ताओं संरक्षण कानून को बने लगभग 35 साल बीत चुके हैं लेकिन सही मायने में उपभोक्ता अदालतें शुरू नही हो पाई है। उपभोक्ता न्यायालय में एक अध्याय रिटायर्ड जज और दो सदस्य होते है जो कानून के विशेषज्ञ होते हैं लेकिन विडम्बना देखिए कि प्रदेश में उपभोक्ता अदालत नहीं है और जहाँ है वहाँ पर अध्यक्ष या फिर सदस्य नहीं है जिससें उपभोक्ता अदालत संचालित नहीं हो पा रही है।

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के जिलाध्यक्ष मुरारी लाल गोयल का कहना था कि उपभोक्ता संरक्षण कानून का मजाक बनाकर रख दिया है। पीड़ित उपभोक्ता न्याय के लिए दर दर भटक रहा है और सरकार व जन प्रतिनिधि इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। पंचायत के अध्यक्ष ने जल्द ही उपभोक्ता अदालत शुरू कराने के लिए प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।

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