केंद्र सरकार द्वारा डेल्टा प्लस ( Delta Plus) को चिंताजनक वेरिएंट यानी वेरिएंट ऑफ कंसर्न ( Variant of Concern) माना गया है।कोविड के डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले मुख्य रूप से चार राज्यों में देखने को मिल रहे हैं वे चार राज्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल हैं। डेल्टा वायरस काफी तेजी के साथ राज्यों में फैल रहा है। इसे सुपर स्प्रेडर बताया जा रहा है।अब तक इन चारों राज्यों में से 40 मरीज दर्ज किए जा चुके हैं। देशभर में कोरोना के केस कम होने के बाद अब डेल्टा वेरिएंट के मामले स्वास्थ्य मंत्रालय ( Health Ministry) की चिंता का कारण बने हुए हैं। बता दें मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh) की महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain) में डेल्टा प्लस वेरिएंट से पहली मौत (First Death Due to Delta Plus Variant) हुई है। महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 21 मामले मौजूद हैं।
मध्य प्रदेश राज्य में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 मामले सामने आ चुके हैं। इस बात की पुष्टि उज्जैन (Ujjain) के कलेक्टर आशीष सिंह ( Collector Ashish Singh) ने की है। दरअसल डेल्टा प्लस वैरिएंट के 3 मामले भोपाल से और 2 मामले उज्जैन से सामने आए हैं।वहीं बुधवार को उज्जैन में एक डेल्टा प्लस वेरिएंट से पीड़ित महिला मरीज की मौत हुई है। मिली जानकारी के अनुसार, जिस महिला की मौत हुई है, उन्होंने टीकाकरण नहीं करवाया था जबकि महिला के पति ने वैक्सीन की डोज ली है और वह बिल्कुल स्वस्थ हैं। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने जानकारी दी है कि मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 मामलों में से 4 मरीज ठीक हो चुके हैं और उन्हें डिस्चार्ज करके घर भी भेज दिया गया है।
वैक्सीन लगवाने वाले मरीजों ने दी डेल्टा प्लस वेरिएंट को मात
कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की डोज ली थी ,वे इस खतरनाक डेल्टा वायरस से संक्रमित होने के बावजूद भी स्वस्थ हैं। जिस मरीज ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई थी, सिर्फ उसी की मौत हुई है, बाकी चार लोग स्वस्थ हैं। डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामलों से होने वाली मौतों में बढ़ोत्तरी ना हो, इसके लिए जरूरी है कि वैक्सीनेशन करवाया जाए ताकि चपेट में आने के बावजूद भी उससे लड़ने में प्रतिरोधक क्षमता हासिल हो।