चीन का “लांग मार्च 5b रॉकेट” धरती की ओर तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा था और इस रॉकेट के रविवार को किसी भी वक्त धरती के किसी भी हिस्से में गिरने की संभावना बनी हुई थी। दरअसल विगत महीने यह रॉकेट देश के अंतरिक्ष स्टेशन से प्रक्षेपित किया गया था। अब इस रॉकेट को लेकर राइटर यूरोपीय और अमेरिकी ट्रैकिंग केंद्रों की ओर से कहा जा रहा था कि इस बेकाबू रॉकेट के अवशेषों के रविवार को वायुमंडल में प्रवेश करने की आशंका है वहीं कुछ वैज्ञानिक इस बात का तकाजा लगा रहे थे कि न्यूजीलैंड के आसपास रॉकेट किसी भी वक्त गिर सकता है।
अमेरिका का डिफेंस डिपार्टमेंट भी गिरते रॉकेट के मलबे पर लगातार अपनी नजर बनाए रहा। वहीं चीनी एक्सपर्ट्स ने कहा था कि बेकाबू रॉकेट के कुछ हिस्से समुद्र में गिरेंगे साथ ही उनका कहना था कि रॉकेट के वायुमंडल में प्रवेश करते ही इस के छोटे-छोटे टुकड़े हो जाएंगे। दरअसल चीन ने 29 अप्रैल को लांग मार्च 5 मिशन के तहत हाइनान द्वीप से यह रॉकेट लॉन्च किया था। जिसके बाद यह रॉकेट एक मॉड्यूल लेकर स्पेस स्टेशन तक पहुंचा था। मॉड्यूल को तय कक्षा में छोड़ने के बाद इसे नियंत्रित तरीके से धरती पर लौटना था लेकिन रॉकेट का वजन करीब 18 टन होने के कारण इसने अपना नियंत्रण खो दिया। विगत कई दशकों में पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित होकर गिरने वाली यह सबसे बड़ी चीज भी मानी गई थी।
बहरहाल खतरे को देखते हुए अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देश इस पर अपनी नजर टिकाए रहे लेकिन अब यह खतरा टल चुका है। मिली जानकारी के मुताबिक बेकाबू चीनी रॉकेट का मलबा हिंद महासागर में मालदीव-श्रीलंका के पास जा गिरा, जिससे यह खतरा अब टल चुका है।लगातार कहा जा रहा था कि अमेरिका इस रॉकेट को गिरने से पहले ही नष्ट भी कर सकता है हालांकि अमेरिकी रक्षा मंत्री इस से इनकार कर रहे थे। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा था कि “इस रॉकेट को नष्ट करने की कोई योजना नहीं है। हम आशा करते हैं कि ये उस जगह गिरेगा जहां किसी को कोई नुकसान न हो।” जबकि चीन की ओर से भरोसा दिया गया था कि वायुमंडल में प्रवेश करते ही रॉकेट के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे और इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। चीन का कहना है कि रॉकेट का मलवा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने पर जल जाएगा। हालांकि उस मलबे का कुछ हिस्सा बच जाने की भी आशंका थी।