आगरा। कोरोना वायरस से चल रही जंग में रेलवे भी अपना अहम योगदान दे रहा है। लगातार आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई के बाद रेलवे ने अपनी ट्रेनों को आइसोलेशन वार्ड में बदलना शुरू कर दिया है। शहर में यदि कोरोनावायरस का कहर बड़ा और अस्पतालों में बेड कम पड़ गए तो मरीजों के लिए रेलवे कोच आइसोलेशन वार्ड के रूप में तैयार हैं। रेलवे ने ट्रेन के कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। आगरा रेल मंडल के 30 कोच आइसोलेशन वार्ड के रूप में परिवर्तित होंगे। आगरा रेल मंडल को आठ कोच आइसोलेशन वार्ड के रूप में मिल गए हैं। बाकी कोच तैयार किए जा रहे हैं। आइसोलेशन वार्ड के रूप में तैयार इन कोचों को फिलहाल कैंट स्टेशन के यार्ड में खड़ा कर दिया गया है।
आगरा रेल मंडल के पीआरओ एस के श्रीवास्तव ने बताया कि अभी हमें आठ कोच आइसोलेशन वार्ड के रूप में परिवर्तित होकर मिल चुके हैं। उन्हें आरपीएफ की निगरानी में यार्ड में हीं रखा गया है। बाकी 22 आइसोलेशन वार्ड एक सप्ताह के अंदर जल्दी आगरा रेल मंडल को मिल जाएंगे। आइसोलेशन वार्ड के रूप में परिवर्तित कोचों में संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया है। 2 सीटों के बीच में एक बेड रखा गया है। इस वार्ड में जीवन रक्षक उपकरणों और दवाएं भी उपलब्ध रहेंगी। इसके साथ ही वायरस के चलते आगरा कैंट स्थित रेलवे अस्पताल में भी 6 चिकित्सकों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है।

पीआरओ एस के श्रीवास्तव ने बताया कि बीते दिनों सामान्य ड्यूटी के लिए संविदा पर एक माह के लिए 6 चिकित्सकों को रखने का आदेश आया था परंतु कोरोना संक्रमण को देखते हुए रेलवे ने एक माह के बजाए सभी 6 चिकित्सकों को 3 माह के लिए संविदा पर रखने का निर्णय लिया है। इस समय डॉक्टरों की जरूरत को देखते हुए रेलवे ने जनहित में यह निर्णय लिया है।