आगरा। बुजुर्गों से सुना था कि पुलिस से दोस्ती और दुश्मनी दोनों ही बुरी होती है। मगर 2020 में यह कहावत उल्टी साबित हो रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस का एक अलग चेहरा सामने आया है। कोरोना वायरस के चलते जहां पूरे देश में लॉकडाउन है तो वहीं पुलिस अब घर-घर अपराधी, गुंडे या हिस्ट्रीशीटर को नहीं बल्कि भूखो को ढूंढ रही है। आपने खाना खाया या नहीं, आप भूखे हैं तो नहीं, यह चर्चा गली गली और मोहल्ले मोहल्ले होने लगी है।
कोरोना वायरस को लेकर पहले एक दिन का जनता कर्फ्यू और उसके बाद आगामी 14 अप्रैल तक पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया। लॉकडाउन का मतलब लोग घरों से बाहर ना निकले। घर के अंदर ही रहे। जरूरतमंद चीजों के लिए एक निर्धारित समय के लिए बाहर निकले। कोरोनावायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है। पूरा विश्व इसकी चपेट में आ गया है। ना जाने अब तक कितनी मौत हो चुकी हैं और ना जाने कितने लोग मौत और जिंदगी से अभी भी अस्पतालों में जूझ रहे हैं। लॉकडाउन के वक्त निम्न वर्गीय परिवार भोजन से वंचित ना रहे, या फिर भूखा ना सोए। इसके लिए तमाम समाजसेवी संगठन गांव देहात के लोग बड़ी संख्या में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इसी क्रम में मलपुरा थाना क्षेत्र के अजीजपुर इलाके में रहने वाले वरिष्ठ समाजसेवी हरिओम बघेल और भूप सिंह नेताजी के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन ने घर-घर भोजन के पैकेट पहुंचाए।
समाजसेवी हरिओम बघेल ने बताया कि अजीजपुर इलाके में गरीब निराश्रित बेसहारा लोगों को भोजन वितरित कराया गया। इस मौके पर मलपुरा थाना क्षेत्र के धनौली के हलका इंचार्ज अजय कुमार सिंह भी मौजूद रहे।
बताते चलें कि इन दिनों आगरा में सैकड़ों की संख्या में मजदूर दिल्ली से चलकर आगरा में डेरा डाला हुआ है। इन लोगों के पास में ना तो खाने को पैसे हैं और ना ही पीने के लिए पानी। ऐसे में आगरा शहर के तमाम समाज सेवी संगठन गरीब निराश्रित बेसहारा और मजदूर परिवारों को भोजन, पेयजल और दूध की व्यवस्था करा रहे हैं। गुरुवार को इसी क्रम में अजीजपुर क्षेत्र में रहने वाले तमाम समाजसेवियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और गरीब निराश्रित बेसहारा लोगों को जहां भोजन दिया। समाजसेवी भूप सिंह ने दावा किया कि क्षेत्र में अब कोई भी भूखा नहीं सोएगा।
शहर से लेकर देहात तक इस समय वरिष्ठ समाजसेवी, शहर के प्रबुद्ध लोग राजनीति से जुड़े लोग और आगरा पुलिस गरीब निराश्रित बेसहारा लोगों को भोजन वितरित करा रही है। देश में एक ऐसा संकट पैदा हो गया है। कोरोना वायरस से हमें डरना नहीं बल्कि लड़ना है, एहतियात बरतना है। इसके साथ साथ कोई भी भूखा न सोये इसकी जिम्मेदारी भी हम लोगों के कंधे पर हैं।