आगरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान को अपनाते हुए महापौर नवीन जैन ने आगरा नगर निगम की टैक्स कलेक्शन की पारंपरिक व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। महापौर के निर्देशन में नगर निगम प्रशासन ने टैक्स कलेक्शन की पूरी व्यवस्था को डिजिटल फ़ॉर्म में बदल दिया है। इस व्यवस्था का डिजिटाइजेशन हो जाने के बाद न केवल घर बैठे करदाता ऑनलाइन टैक्स भर सकेंगे बल्कि टैक्स से संबंधित सभी रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखा जा सकेगा।
प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन की यह ऑनलाइन व्यवस्था एंड्राइड बेस्ड टैक्स कलेक्शन सिस्टम के नाम से जानी जाएगी। इस व्यवस्था के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहला रिकार्ड्स/अभिलेख का डिजिटाइजेशन और दूसरा हॉउस टैक्स वसूली ट्रांजेक्शन का डिजिटाइजेशन।
गुरुवार को महापौर नवीन जैन ने द्वारा नगर निगम कार्यकारणी कक्ष में ऑनलाइन एंड्राइड बेस्ड टैक्स कलेक्शन सिस्टम को लांच किया गया। टैक्स की इस नई ऑनलाइन व्यवस्था के लॉचिंग के दौरान नगर आयुक्त अरुण प्रकाश, अपर नगर आयुक्त के.बी सिंह, अपर नगर आयुक्त विनोद गुप्ता, एक्सिस बैंक से रीज़नल ब्रांच बैंकिंग हेड नार्थ तनु मल्होत्रा, सर्किल हेड पी. विनोद मौजूद रहे।
ऑनलाइन एंड्राइड बेस्ड टैक्स कलेक्शन सिस्टम को लांच करने से पहले नगर निगम अधिकारियों और पत्रकारों के सामने इसका डेमो भी पेश किया गया कि किस तरह से इस नए सिस्टम से टैक्स जमा किया जा सकता है। इन दौरान निगम के एक अधिकारी और कर्मचारी ने टैक्स की इस नई व्यवस्था के माध्यम से टैक्स जमा कराया। ऑनलाइन एंड्राइड बेस्ड टैक्स कलेक्शन सिस्टम को लांच किये जाने के साथ ही महापौर नवीन जैन ने मौके पर ही कर निर्धारण अधिकारियों को ऑनलाइन एंड्राइड बेस्ड टैक्स कलेक्शन सिस्टम से लेश मशीनों का वितरण किया. आज से ही निगम के कर निर्धारण अधिकारी इस मशीन से ही लोगों के घर या फिर प्रतिष्ठान पर जाकर आवासीय और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी का कर निर्धारण कर जमा करा सकेंगे।
महापौर ने लांचिंग के दौरान यह जानकारी दी कि ऑनलाइन टैक्स की इस नई व्यवस्था को लागू करने के बाद प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन की पूरी व्यवस्था को डिजिटलाइज्ड करने वाला प्रदेश का पहला नगर निगम आगरा बन चुका है।
महापौर नवीन जैन ने बताया कि पूर्व प्रचलित व्यवस्था के तहत अभी तक सभी रिकॉर्ड्स रजिस्टर में हस्तलिखित फॉर्म में बने हुए थे जिन का रखरखाव करना मुश्किल रहता है। इसलिए इन रिकॉर्ड्स के खराब होने या डैमेज होने की काफी संभावना रहती है। इन रिकॉर्ड्स के खो जाने की भी संभावना रहती है और ये आम जनता की पहुंच से दूर होते हैं। रिकार्ड्स को लिपिक के माध्यम से अपडेट कराने पर काफी मैनपावर व समय की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन अब इन रिकार्ड्स का डिजिटाइजेशन हो जाने के बाद सभी समस्याओं से हमें छुटकारा मिल जाएगा। रिकॉर्ड को अपडेट करने में मैनपावर व समय की काफी बचत होगी तो वहीं डिजिटल रिकॉर्ड्स के खो जाने अथवा डैमेज होने की संभावना काफी कम होती है।
महापौर ने बताया कि वर्तमान में हम आगरा शहर के लगभग 3 लाख 10 हजार करदाताओं के रिकॉर्ड को डिजिटल फॉर्म में बदला जा चुका है और यह डिजिटल डिटेल्स पब्लिक डोमेन पर आम जनता के लिए भी उपलब्ध करा दी गई है जिसे कोई भी नगर निगम की वेबसाइट www.nagarnigamagra.com पर जाकर देख सकता है।
हाउस टैक्स वसूली की व्यवस्था पर बात करते हुए महापौर नवीन जैन ने बताया कि अभी तक करदाताओं को अपने क्षेत्र के राजस्व निरीक्षकों को नकद या चेक के रूप में भुगतान करना पड़ता था। भुगतान के बाद निरीक्षक द्वारा हाथ से लिखकर रसीद दी जाती थी लेकिन करदाताओं को इस बात की जानकारी नहीं हो पाती थी कि इनके द्वारा जमा की गई धनराशि उनके अकाउंट में पोस्ट हो गई या नहीं। इतना ही नहीं करदाताओं को अपना टैक्स जमा कराने के लिए शहर के अलग-अलग क्षेत्र में या नगर निगम मुख्यालय पर आना होता है जिससे समय अभाव के कारण उन्हें काफी असुविधा भी होती है।
लेकिन हाउस टैक्स वसूली ट्रांजिशन का डिजिटाइजेशन हो जाने के बाद अब कोई भी करदाता अपने घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर से नगर निगम की वेबसाइट www.nagarnigamagra.com पर जाकर ऑनलाइन पेमेंट कर सकता है। एंड्राइड बेस्ड टैक्स कलेक्शन डिवाइस द्वारा करदाता को नकद व चेक के साथ-साथ डेबिट व क्रेडिट कार्ड से भी भुगतान किए जाने की सुविधा मिलेगी। भुगतान करते ही डिवाइस में इनबिल्ट प्रिंटर से कंप्यूटराइज रसीद करदाता को दी जाएगी और भुगतान के बाद 24 घंटे के अंदर करदाता स्वयं अपने अकाउंट को ऑनलाइन चेक कर अपडेशन की सुविधा ले सकता है। इतना ही नहीं करदाता को उसके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर एक s.m.s. भी प्राप्त होगा जिससे उसे अपने भुगतान की जानकारी हो सकेगी।
नगर आयुक्त अरुण प्रकाश ने बताया कि एंड्राइड बेस्ड टैक्स कलेक्शन सिस्टम लागू हो जाने के बाद नगर निगम की वसूली कर्ताओं और राजस्व निरीक्षकों से संबंधित भी कई समस्याओं का समाधान हो सकेगा। क्योंकि अभी तक सारे रिकॉर्ड्स या अभिलेख मैन्युअल फॉर में होती थी इसलिए उन्हें सिर्फ कार्यालय में ही रखा जाता था जबकि क्षेत्र में घूम रहे वसूली कर्ताओं को अपने क्षेत्र के करदाताओं की संपूर्ण जानकारी नहीं हो पाती थी लेकिन अब टैक्स कलेक्शन डिवाइस के भीतर ही सारे रिकॉर्ड पहले से ही उपलब्ध होंगे जिसकी पूरी जानकारी वसूली कर्ता को होगी। इस डिवाइस में क्षेत्र के बड़े बकायेदारों का भी विवरण मौजूद रहेगा।
कभी-कभी वसूली कर्मियों की लापरवाही के चलते करदाताओं द्वारा जमा की गई धनराशि उसके संबंधित खाते में पोस्टिंग नहीं हो पाती थी जिस कारण कई बार अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ता था लेकिन डिजिटाइजेशन होने के बाद इन सब पर रोक लगेगी। वसूली कर्मी प्रतिदिन जारी की गई रसीदों का मैन्युअल चालान के बजाय अपने जोन के कंप्यूटर से अपने नाम की ऑटोमेटिक जनरेटर कंप्यूटराइज चालान का प्रिंट लेकर संबंधित बैंक में धनराशि जमा करा सकता है।
अपर नगर आयुक्त विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि एंड्राइड बेस्ड डिवाइस में संबंधित क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक, वसूलीकर्ता, कर अधीक्षक व कर निर्धारण अधिकारियों का वार्षिक, मासिक, साप्ताहिक व दैनिक लक्ष्य व वसूली की प्रगति का विवरण ऑटोमेटिक रूप से डैशबोर्ड पर उपलब्ध होता रहेगा जिससे संबंधित कर्मियों को अपने कार्य का आंकलन करने में सुविधा रहेगी और उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि भी होगी।
एंड्राइड बेस्ड टैक्स कलेक्शन सिस्टम का डेवलपमेंट एक्सिस बैंक के सहयोग से कराया गया है जिसमें नगर निगम का कोई भी व्यय नहीं हुआ है।
इस मौके पर नगर आयुक्त अरुण प्रकाश, अपर नगर आयुक्त के. बी. सिंह, अपर नगर आयुक्त विनोद गुप्ता, सीएफओ पवन कुमार, एक्सिस बैंक से तनु मल्होत्रा, रीज़नल ब्रांच बैंकिंग हेड नार्थ, पी. विनोद सर्किल हेड, कृष्णा मोहन क्लस्टर हेड आदि मौजूद रहे।