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डॉ. भीमरॉव आंबेडकर विवि में करोड़ों का घोटाला, जांच में फंस सकते हैं विवि कर्मचारी

by admin

आगरा। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से जुड़ा करोड़ों का घोटाला सामने आया है। यह घोटाला लगभग 10 करोड़ का है। घोटाला सामने आते ही विवि प्रशासन ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। दरअसल पिछले पांच वर्षों में आगरा विवि से सम्बद्ध कॉलेज में परीक्षार्थियों की संख्या के हिसाब से जमा की गई फ़ीस 10 करोड़ कम पाई गई। वित्ताधिकारी विभाग से इस मामले का ख़ुलासा हुआ।

आगरा विवि के वित्ताधिकारी ए.के. सिंह ने फीस के कागजात खंगाले हैं। वर्ष 2014 से अब तक के परीक्षार्थियों की संख्या के हिसाब से फीस की धनराशि में करीब 10 करोड़ की हेराफेरी सामने आई है। इतना ही नहीं कॉलेज के फ़ीस के चेक स्लिप भी फर्ज़ी पाई गई है। वित्ताधिकारी के मुताबिक मैनपुरी के एक कॉलेज ने सत्र 2016 में 34 लाख रुपये की फ़ीस धनराशि का चेक विवि के अकाउंट विभाग में जमा किया था लेकिन विवि के खाते में ये रकम ट्रांसफर नहीं हुई। अकाउंट विभाग के अभिलेखों में बैंक की वो स्लिप भी थी। जांच में पता चला कि बैंक की ये स्लिप फर्जी थी। संबंधित बैंक से जब इस स्लिप को लेकर जांच की गई तो ने यह स्लिप फर्ज़ी पाई गई।

सिर्फ चेक से ही आगरा विवि को लाखों की चपत नहीं लगी है बल्कि जांच में यह भी सामने आया है कि कई चालानों में बैंक की फर्जी मुहर लगाई गई थी। बैंक और एजेंसी के चालान के मिलान में इसी तरह के कई मामले उजागर हुए हैं।

मैनपुरी के उक्त कॉलेज सहित अन्य कॉलेजों ने भी इसी तरह आगरा विवि को करोड़ों को चूना लगाया है। क्योंकि करोडों का यह घोटाला बिना विवि के किसी कर्मचारी या अधिकारी की मिलीभगत से संभव नहीं है इसलिए विवि प्रशासन ने इस मामले से जुड़े हर पहलू की जांच करना शुरू कर दिया है। वित्ताधिकारी ने बताया कि पिछले 5-6 सालों में भरे गए सभी चालानों की जांच की जा रही है।

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