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ब्लैकमनी को व्हाइट बनाने को गरीबों के खातों का इस्तेमाल, नोटिस आने पर उड़े होश

by admin
Use of poor accounts to make black money white;

आगरा। ब्लैकमनी को व्हाइट बनाने को गरीबों के खातों का किया इस्तेमाल। आगरा में लोन दिलाने का लालच देकर खातों से कर दिया लाखों का लेनदेन। नोटिस आने पर हुई जानकारी।

ताजनगरी में बैंक फ्राड करने वालों ने ब्लैक मनी को व्हाइट करने और हवाला का पैसा ट्रांसफर करने के लिए गरीबों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। लोन दिलाने या अन्य लालच देकर गरीबों के बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये का हेर- फेर किया जा रहा है।

ताजगंज का है मामला
ताजा मामला थाना ताजगज क्षेत्र का है। पीड़ित साबिर अली निवासी तेलीपाड़ा ताजगंज ने बताया कि अंकित उर्फ अरुण निवासी अछनेरा से पुरानी मंडी पर मुलाकात हुई थी। उसने खुद को लोन एजेंट का काम करने वाला बताया था। इसके बाद वो लगातार उनसे मिलता रहा। फरवरी में वह उसके घर आया। नौकरी के बजाय अपनी दुकान खोलने के लिए कहा। साबिर अली ने बताया कि पैसे का अभाव बता कर असमर्थता जतायी तो उसने मुझे तीन लाख रुपये बिजनेस लोन दिलाने का वादा किया। इसके बाद साबिर ने सदर स्थित एचडीएफसी बैंक में खाता खोल लिया।

खाते की सिविल बढ़ाने को किया लेन—देन
14 फरवरी को अरुण उर्फ अंकित निवास पर आया और खाते के नया होने के कारण लोन में दिक्कत होने का हवाला दिया। इसके बाद उसने खाते की सिविल बढाने के लिए उसमें लेन देन करने को कहा। साबिर द्वारा पैसे न होने की बात कहने पर उसने खुद अपने पास से उसके खाते में लेन देन करके सिविल ठीक करने का भरोसा दिलाया। बैंक खाते के रजिस्टर्ड मोबाइल को बदल कर अपना मोबाइल नम्बर 9116614375 डलवा लिया। एटीएम रख लिया। मात्र 9 दिन में उसने साबिर खाते से चार लाख के लगभग रुपये का लेनदेन किया।

ग्रुप बनवा कर दस को बनाया शिकार
साबिर के अनुसार 25 फरवरी को अरुण फिर घर आया और अकेले व्यक्ति का लोन न होने की बात कहकर 10 और लोगों को जोड़ने की बात कही। लोन के लालच में साबिर ने अपनी पत्नी और सास के साथ 7 दोस्तों को जोड़कर एक ग्रुप बनाया और उसके द्वारा दी गयी नई फाइल बनाई। अंकित ने सभी नए लोगों के खातों में लेनदेन कम होने का हवाला देकर सभी के अकाउंट नम्बर और एटीएम ले लिए। उसके बाद एक माह के अंदर उसने सभी खातों से लाखों रुपये का लेनदेन किया और किसी को कोई जानकारी नहीं दी। बैंक से जब कुछ साथियों को फोन आये और खाते से लेनदेन की जानकारी मांगी गई तो अपने खातों के गलत इस्तेमाल होने का पता चला। जब इस बाबत अंकित से बात की तो पहले उसने हमें कुछ दिन में जानकारी देने का बहाना बनाया और पूछताछ करने पर अपना नम्बर भी बंद कर लिया है।

लोन के चक्कर मे खुद फंस गया साबिर
साबिर के द्वारा जिन दोस्तों के खातों की जानकारी अरुण को दी गयी। अब वो सभी साबिर के द्वारा फ्राड किये जाने का शक कर हैं और रोजाना उसके घर पर हंगामा कर रहे हैं। साबिर ने पूरे मामले की शिकायत थाना ताजगंज और साइबर थाने में की है। एसओ ताजगंज भूपेंद्र बालियान ने मामले की जांच डिवीजन चौकी इंचार्ज को दी है।

सॉफ्ट टारगेट बन रहे गरीब और अशिक्षित
पुख्ता सूत्रों की माने तो आगरा में मुस्लिम बस्तियों और जाटव समाज के लोगों और ग्रामीणों को ज्यादा टारगेट किया जा रहा है। लोगों को कुछ लालच देकर या बहाने से उनके खातों की डिटेल और एटीएम ले लिए जाते हैं और उन खातों का वित्तीय वर्ष खत्म होने तक यानी मार्च माह तक इस्तेमाल करने के बाद सारा पैसा निकाल लिया जाता है। बैंक जब जानकारी करता है तो खाता धारक को कोई जानकारी ही नहीं होती है। कई दलाल सिर्फ आधार कार्ड और फोटो लेकर पैसे देते हैं और बैंक में सेटिंग करके खाता खुलवा लेते हैं। बीते दिनों शाहगंज और लोहामंडी क्षेत्र में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। पिनाहट कस्बा क्षेत्र में सक्रिय हेलो गैंग लोगों से साइबर ठगी के लिए भी ऐसे ही दूसरों के खातों का इस्तेमाल करता है।

एसएसपी ने दी एडवाइज
एसएसपी सुधीर कुमार का कहना है कि लगातार पुलिस जागरूकता अभियान चला रही है। लोगों से अपील है कि बैंक से सम्बंधित किसी भी तरह की जानकारी और कागजात किसी से साझा न करें और किसी भी तरह का फ्राड होने पर तत्काल पुलिस को जानकारी दें। सही समय पर शिकायत करने से उनके पैसे बचाये जाने के प्रयास किये जा सकते हैं और अपराधियों को ट्रेस किया जा सकता है।

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