आगरा। रोडवेज विभाग के निजीकरण किये जाने के विरोध में यूपी रोडवेज इम्प्लॉइज यूनियन का विरोध थमने का नाम नही ले रहा है। कर्मचारियों को एकजुट कर पूरी ताकत से सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध करने के लिए यूपी रोडवेज इम्प्लॉइज यूनियन लगातार डिपो में जनसभा कर कर्मचारियों को एकजुट करने में जुटे हुए है। ऐसा ही कुछ नजारा आगरा फोर्ट डिपो में देखने को मिला। यूनियन की ओर से आयोजित जनसभा में कर्मचारियो, चालक व परिचालकों में बढ़चढ़कर भाग लिया। जनसभा की अध्यक्षता भरत सिंह ने की।
जनसभा के दौरान यूनियन नेताओ ने रोडवेज को निजी हाथों सौंपने की चल रही कवायदों को लेकर आड़े हाथ लिया और अपना आक्रोश जताया। यूनियन के क्षेत्रीय मंत्री सत्यनारायण शर्मा का कहना है कि सरकार यूपी रोडवेज का अस्तिव खत्म करने के लगी हुई है। सरकार कर्मचारियों की समस्याओं और रोडवेज को दुरुस्त करने के बारे में नही सोच रही बल्कि इसे निजी हाथों में सौंपकर रोडवेज कर्मचारियों को सड़कों पर लाने की कवायद कर रही है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा।
फोर्ट डिपो पर आयोजित जनसभा के संयोजक प्रमोद श्रीवास्तव का कहना था कि रोडवेज के पास गिने चुने राष्ट्रीयकृत मार्ग है जिन पर परिवहन की गाड़िया दौड़ती है और निजी बस संचालकों के पास पूरा देश है फिर भी कुछ लोगों की आंखों में यूपी रोडवेज खटक रहा है। सरकार भी ऐसे ही लोगों के साथ दे रही है। अगर सरकार में यूपी रोडवेज को निजी हाथो में दिया तो हम सब को एक होकर आर पार की लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा।
यूनियन नेताओं का कहना है कि अभी सरकार को 20 तक अल्टीमेटम दिया है। अगर कोई सकारात्मक बात नही बनी तो प्रदेश नेतृत्व का जो भी आवाहन होगा उसके अनुसार कदम उठाया जाएगा। फिलहाल रोडवेज कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि कर्मचारी के हक और रोडवेज को बचाने के लिए यह लड़ाई जिस स्तर तक जाएगी उसे लड़ा जाएगा।