मोदी सरकार पार्ट 2 की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 2019-20 का बजट संसद में पेश किया गया। इस बजट से नौकरी पेशा वालो के साथ आम व्यक्ति को काफी उम्मीदे थी लेकिन वित्त मंत्री के पिटारे से सिर्फ इन लोगों को निराशा ही हाथ लगी। इस बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। टैक्स स्लैब पहले की तरह जस के तस रहेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि 5 लाख रुपये सालाना से अधिक आय पर ही करदाता कर देनदारी के दायरे में आयेंगे। वर्तमान में 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ऊपर आय पर कर की दर 30 प्रतिशत है। अगर किसी व्यक्ति की आय 5 लाख रुपये से एक रुपया भी ज्यादा है तो वह टैक्स स्लैब के दायरे में आ जाएंगे। वित्तमंत्री के इस बजट से नौकरी पेशा वालों को कोई राहत नही मिली है।

टैक्स के बाद आम व्यक्ति की निगाह पेट्रोल डीजल के दामों पर ही लगी रहती है क्योंकि इसका सीधा असर आम व्यक्ति पर पड़ता है। वित्तमंत्री ने इस बजट में पेट्रोल और डीजल पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त सेस लगा दिया है जिससे पेट्रोल डीजल महंगा होगा और महंगाई बढ़ेगी।
इस बजट के माध्यम से बड़े व्यापारियों पर भी शिकंजा कसा गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में घोषणा की है कि 2 से 5 करोड़ पर 3 पर्सेंट सरचार्ज लगेगा। 5 करोड़ रुपये सालाना से अधिक आय वाले लोगों पर 7 पर्सेंट अतिरिक्त सरचार्ज लगेगा। इस बजट से सरकार ने अमीरों पर और अधिक टैक्स लगाकर अमीरों पर शिकंजा कसा है। इतना ही नही अगर किसी खाते में 1 साल में 2 करोड़ से ज्यादा की निकासी होगी तो उस पर 2 प्रतिशत टीडीएस कटेगा। इस बजट से घर खरीदने वालों को थोड़ी राहत दी है। 45 लाख का घर खरीदने पर हाउसिंग लोन के ब्याज पर 3.5 लाख रुपये की छूट मिलेगी। पहले यह 2 लाख रुपये थी। इस ऐलान से 15 साल की अवधि के आवास कर्ज पर लाभार्थी को सात लाख रुपये तक का फायदा होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को लेकर लिये गये कर्ज पर ब्याज भुगतान में 1.5 लाख रुपये की आयकर छूट दी जाएगी। आम करदाताओं को कर – रिटर्न दाखिल करने की सुविधा के लिये उन्हें पहले से भरे हुये रिटर्न फार्म उपलब्ध कराने की सुविधा दी जायेगी। ये फार्म ईपीएफओ सहित विभिन्न संस्थानों और प्रतिष्ठानों से प्राप्त किये जा सकेंगे जिन लोगों के पास पैन कार्ड नहीं है, वे आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा- देश में 400 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली कंपनियों को अब 25 प्रतिशत की दर से कॉरपोरेट कर देना होगा। इससे पहले 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों पर कम दर से कर लगाया गया था। कंपनियों की कारोबार सीमा बढ़ने से अब 99.3 प्रतिशत कंपनियां घटे हुए दर के दायरे में आ गई हैं।
इस बजट में सोना पर शुल्क बढ़ाकर 10 फीसदी टैक्स से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। तंबाकू पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। पेट्रोल-डीजल पर 1-1 रुपये का अतिरिक्त सेस लगाया जाएगा।
नौकरी पेशा वालों का कहना है कि इस बजट से उन्हें उम्मीद थी लेकिन वित्तमंत्री ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नही किया है जिससे निराशा हाथ लगी है। इतना ही नही व्यापारियों का कहना है कि व्यापारी वर्ग ही अधिक टैक्स देता है और उसी वर्ग पर और अधिक टैक्स की मार दी गयी है। लोगों का कहना था कि पेट्रोल डीजल पर वित्तमंत्री ने टैक्स बढ़ाकर महंगाई को बढ़ावा दिया है। गरीब व्यक्ति व किसान पहले से ही महंगाई से परेशान है लेकिन आम व्यक्ति की सरकार कहने वाले लोगो ने ही आम व्यक्ति इस बजट से आम व्यक्ति की कमर तोड़ दी है।