26/11 मुम्बई हमले की आज नौंवी बरसी है। 9 साल पहले की यह रात भूले भुलाये नहीं भूलती। आज ही के दिन 10 आतंकियों ने एक साथ मुम्बई के विख्यात होटल पर हमला किया था। इस हमले में लगभग 150 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी और 200 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। इस आतंकी हमले को रोकने और आतंकियों को मुहतोड़ जबाब देते हुए हमारे कई वीर सपूतों ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी। आज देश 26/11 की बरसी पर इन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दे रहा है।
26/11 हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गयी थी। पाक के आतंकी समुन्द्र के रास्ते मुम्बई की सीमा में दाखिल हुए। और मछुआरों की गली से होते हुए बीच शहर में पहुँचे। फिर क्या था आतंकी अनाधुन्द गोली बारी करते हुए गुटो में बट गए। जिसके बाद आतंकियों ने पांच सितारा होटल, सीएसटी रेलवे स्टेशन,और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया।
आतंकियों का सफाया करने में एनएसजी कमांडो और मुम्बई पुलिस को पूरे 60 घण्टे लगे। इस कार्यवाही में सभी आतंकियों को सफाया हुआ और आतंकी अजमल कसाब को जिन्दा पकड़ा गया।
मुंबई के इतिहास में लहू से लिखी 26/11 की पटकथा को कोई भी जीवन्त रहते हुए नहीं भुला सकता है। हमले के प्रत्यक्षदर्शी उस मंजर को याद कर आज भी कांप उठते हैं। एक तरफ निर्दोषों की निर्मम हत्या का दुख है तो इस हमले में शहीद हुए किसी जवान की बेटी आज भी अपने पिता के लौटने का इन्तजार कर रही है। सरकार को इस हमले के मास्टरमाइंड की पूरी जानकारी है लेकिन आज तक वो पकड़े नहीं गए। लोग कहते हैं कि मुंबई हमले के गुनहगार हाफिज सईद को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। फिलहाल वो पाक में आजाद घूम रहा है। जिसे देखकर आज भी पीडितों का खून खोल जाता है।