Home » कोटा बैराज से छोड़ा गया 6 लाख 3 हजार क्यूसेक पानी, टूट सकता है 23 साल पुराना रिकार्ड

कोटा बैराज से छोड़ा गया 6 लाख 3 हजार क्यूसेक पानी, टूट सकता है 23 साल पुराना रिकार्ड

by admin

पिनाहट। शनिवार को कोटा बैराज से चंबल नदी में फिर छोड़ा 6 लाख 3 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। चंबल नदी में एक माह में चौथी बार बाढ़ देखने को मिल रही है। चंबल नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर ने पिनाहट, बाह, जैतपुर क्षेत्र से चम्बल नदी के तटवर्ती इलाकों  के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है। बाढ़ आने की आशंका से ग्रामीणों ने अभी से  सुरक्षित स्थानों की ओर जाना शुरू कर दिया है। चंबल नदी में फिर से बाढ़ आने की आशंका को लेकर एसडीएम बाह शनिवार शाम को पिनाहट घाट पहुँचे और राजस्व टीम को अलर्ट रहने के आदेश दिये हैं। चंबल नदी के किनारे के गांव में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

जानकारी के अनुसार चंबल नदी में राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश के चलते शनिवार को एक बार फिर कोटा बैराज से चम्बल नदी में पानी छोड़ा गया है और पानी को निकालने के लिऐ बांध के 19 गेट भी खोले गये हैं। जिस कारण चंबल के पानी का जलस्तर पिछले 48 घंटे से लगातार बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश में  बारिश के चलते पार्वती नदी का पानी चंबल नदी में आ जाने एवं कोटा बैराज से भी पानी छोड़े जाने से चंबल में बाढ़ और बढ़ सकती है।

शनिवार को तेज उफान के साथ चंबल नदी 127 मीटर  से बढ़कर  131 मीटर पर पहुँच गयी। वहीं खतरे का निशान 132 मीटर पर है।  चम्बल नदी के किनारे के गांव के लोगों ने चंबल में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अपने पशुओं को लेकर जंगल में जाना बंद कर दिया है तो वही चंबल में बाढ़ के खतरे को देखते हुए ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की तलाश करने लगे हैं। अगर चंबल में बाढ़ आती है तो ग्रामीण जल्द ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकें इसके लिए प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को सतर्क रहने के आदेश दिए गए हैं तथा चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर पर निगाह रखने के लिए आठ बाढ़ चौकियां भी स्थापित की गयी हैं ।

प्रति घंटा 20 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर
पिनाहट । कोटा बैराज से छोड़े गये एक बार फिर चंबल नदी में 6 लाख 3 हजार  क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया है । इसके बाद चंबल नदी का जलस्तर प्रति घंटे 20 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है । जिससे चंबल नदी के किनारे के गांव गुढा , गोहरा , उमरैठा पुरा, रेहा व कछियारा के ग्रामीण भयभीत है । रात में चंबल में बाढ़ आने का डर सता रहा है ।

चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर व तेज उफान के चलते चंबल नदी के किनारे के  गुढा, गोहरा, उमरैठा पुरा, कछियारा, रेहा सहित आधा दर्जन गांव के संपर्क मार्गो में बाढ़ का पानी भर गया है जिसके चलते इन गावों का तहसील मुख्यालय बाह से संपर्क टूट गया है। ग्रामीण अपने पशुओं व परिवार के साथ ऊंचे टापुओं पर चढ़ गये हैं। खादरो में पानी भर गया है । ग्रामीण चारों तरफ से घिर चुके हैं।

23 साल पुराना रिकार्ड तोड़ सकती है चंबल

चंबल नदी में कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते लगभग एक माह में चौथी बार चंबल नदी में बाढ़ आयी है। 1996 में कोटा बैराज से लाखों की संख्या में क्यूसेक पानी छोड़े जाने से चंबल नदी में बाढ़ आयी थी । और भारी तबाही का सामना करना पड़ा था। वैसे ही हालत शनिवार को कोटा बैराज से 6 लाख 3 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से तबाही का मंजर साफ नजर आ रहा है।

चम्बल नदी में बढ़ते जलस्तर व पूर्व में आयी बाढ़ को देखते हुए शनिवार शाम को एसडीएम बाह महेश प्रकाश गुप्ता राजस्व टीम के साथ पिनाहट घाट पहुँचे और चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर का निरीक्षण किया। एसडीएम बाह ने चम्बल नदी के किनारे के गांव में लेखपाल व कानूनगो की तैनाती कर दी है। रात में चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर पर निगाह रखने कें निर्देश दिये हैं और स्वंय अधीनस्थों के साथ चंबल नदी में बाढ़ आने की आशंका के चलते पिनाहट घाट पर डेरा डाले हुए हैं। बाढ़ से बचाव व राहत कार्य के लिए बनायी गयी टीमों को दिशा निर्देश दे रहे हैं।

एसडीएम बाह महेश प्रकाश गुप्ता का कहना है कि कोटा बैराज से चम्बल नदी में भारी मात्रा में चौथी बार पानी छोड़ा गया है। चम्बल का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। राजस्व टीम को अलर्ट रहने कें निर्देश दिये हैं। किनारे के गांव हाई अलर्ट जारी कर दिया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो में वोट से चौकसी रखी जा रही है। हम हर विषम परिस्थिति से निपटने के लिए सक्षम हैं।

Related Articles

Leave a Comment