आठ नवंबर का दिन देश की अर्थव्यवस्था के इतिहास में एक खास दिन के तौर पर दर्ज है। आज ही के दिन साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठीक रात 8 बजे नोटबंदी का ऐलान किया था। इसी ऐलान के बाद 1000 और 500 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे।
नोटबंदी की यह घोषणा उसी दिन आधी रात से लागू हो गई। इस ऐलान के बाद कुछ ही देर में देश में अफरातफरी का माहौल हो गया था। बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं। लोग हज़ार पांच सौ के नोटों को खर्च करने बाज़ार निकल चुके थे। रात बारह बजे तक लोग सुनारों की दुकान पर थे। बैंकों के बाहर लाइनें लगाकर नोटों को बदलवाने के लिए आम जनता को हफ्तों तक परेशान होना पड़ा था। बाद में 500 के नए नोट और 2000 रुपए के नये नोट जारी किए गए थे।
सरकार ने ऐलान किया था कि उसने देश में मौजूद काले धन और नकली मुद्रा की समस्या को समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया है। देश में इससे पहले 16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी की गठबंधन सरकार ने भी इन्हीं कारणों से 1000, 5000 और 10,000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण किया था।
नोटबंदी के करीब पांच साल बाद भी नगदी के चलन में कोई कमी नहीं आई है बल्कि ये ज्यादा सर्कुलेशन में देखी जा रही है। गौरतलब है कि आठ नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने एकाएक 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैन कर दिया था। इसके पीछे सरकार का तर्क था कि लोगों के बीच आनलाइन पेमेंट का चलन ज्यादा होगा। साथ ही भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक लग सकेगी। मगर पांच साल बाद भी लोगों के बीच नगदी बढ़ रही है। सरकार के अनुसार नोटबंदी का एक अहम उद्देश्य सिस्टम में से नगदी घटाना था। हालांकि नोटबंदी के पांच साल बाद भी यह लगातार बढ़ रही है और 8 अक्टूबर 2021 को खत्म होने वाले फोर्टनाइट (14 दिनों की अवधि) में लोगों के पास रिकॉर्ड नगदी रही।

नोटबंदी के पांच साल बाद भी बढ़ रही नगदी
अभी भी लेन-देन को लेकर नगदी आम लोगों की पसंद है। 8 अक्टूबर को समाप्त होने वाले फोर्टनाइट में लोगों के पास 8.30 लाख करोड़ रुपये का कैश था जोकि 4 नवंबर 2016 को उपलब्ध कैश के मुकाबले 57.48 फीसदी ज्यादा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी हुई है। क्रेडिट-डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस पेमेंट इंटरफेस सभी तरह से डिजिटल पेमेंट बढ़ा है UPI की शुरुआत भी साल 2016 में हुई थी। अक्टूबर 2021 में इससे करीब 7.71 लाख करोड़ रुपये मूल्य का लेनेदेन हुआ। इस माह संख्या में देखें तो कुल 421 करोड़ लेनदेन हुआ।
नोटबंदी से तत्काल असर पड़ा था
नोटबंदी के तुरंत बाद नगदी में कमी जरूर आई थ। 4 नवंबर, 2016 को देश में नोटों का सर्कुलेशन 17.97 लाख करोड़ रुपये पर था। नोटबंदी के बाद 25 नवंबर, 2016 को यह 9.11 लाख करोड़ रुपये रह गया। नवंबर 2016 में 500 और 1,000 रुपये के नोट वापस लेने के बाद लोगों के पास करेंसी, जो 4 नवंबर 2016 को 17.97 लाख करोड़ रुपये थी। यह जनवरी 2017 में घटकर 7.8 लाख करोड़ रुपये रह गई।
सिस्टम में वापस आया पैसा
रिजर्व बैंक की अपनी वर्ष 2018 की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि नोटबंदी के बाद करीब 99 फीसदी करेंसी सिस्टम में वापस आई है। यहीं नहीं, प्रॉपर्टी जैसे कई सेक्टर में भी कैश का लेन-देन को कम नहीं हुआ है।