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टीबी मरीजों की खोज के लिए 373 टीमों ने घर-घर दी दस्तक, टीबी के तीन नए मरीज मिले

by admin

आगरा। जनपद में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नए टीबी मरीजों को खोजने के लिए सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान (एसीएफ) के द्वितीय चरण का शुभारंभ हो गया। शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल यादव के दिशा-निर्देशन में 373 टीमों ने कार्य शुरू कर दिया। स्वास्थ्य कार्यकर्ता नए मरीजों की खोज के लिए घर-घर दस्तक देने लगे हैं।

सीएमओ डॉ.अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान के दौरान शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की 20 प्रतिशत आबादी को कवर किया जा रहा हैं। उन्होंने ने बताया कि हमें अपने देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लिए जरूरी है कि प्रत्येक टीबी मरीज तक पहुंच बनाकर उनको जांच एवं उपचार प्राप्त कराया जाए। यह महत्वपूर्ण अभियान है, सभी स्वास्थ्य कर्मी इसमें मनोयोग से लगे हुए हैं।

उन्होंने सभी से अपील है कि एसीएफ से संबंधित टीम आप के घर आए तो उनका सहयोग करें, साथ ही लक्षण के आधार पर अपने परिवार की जानकारी दें। आप के संज्ञान में अगर कोई ऐसा व्यक्ति है जिसे दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना, खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना, वजन का घटना, बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार होना, रात में पसीना आना, भूख कम लग रही है तो इसकी जानकारी टीम को अवश्य प्राप्त कराएं।

पहले चक्र में मिले तीन टीबी के रोगी

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के प्रथम चरण में नारी निकेतन, केंद्रीय कारागार, जिला कारागार, टीईएआर मंदबुद्धि संस्थान, नवोदया विद्यालय, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, विधवा आश्रम, नारी संरक्षण गृह, एक पहल विद्यालय, चरम रोग संस्थान, मेट्रो फैक्ट्री, गुप्ता ओवरसीज, बसंत ओवरसीज, सब्जी मंडी, स्टोन क्रेशर, भट्टे पर टीमों द्वारा भ्रमण कर तीन नए टीबी मरीज खोजे गए।

उन्होंने ने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग का प्रथम चरण 20 से 23 फरवरी तक चलाया गया। अभियान के प्रथम चरण में 8247 मरीजों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें 321 टीबी के संभावित मरीज मिले थे। बलगम की जांच में तीन रोगियों में टीबी की पुष्टि हुई। जिनका उपचार शुरू कर दिया। इसी क्रम में शुक्रवार से घर-घर टीबी के रोगियों की खोज के लिए अभियान को शुरू कर दिया गया।

जिला पीपीएम समन्वयक अरविंद यादव ने बताया कि एसीएफ अभियान के दौरान लोहा मंडी टीबी यूनिट के अंतर्गत 15 टीमों द्वारा कार्य किया गया। इन टीमों का तीन सुपरवाइजर द्वारा सहयोगात्मक पर्यवेक्षण किया गया। सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर शिव कुमार और टीबी हेल्थ विजिटर राकेश कुमार द्वारा संभावित टीबी मरीजों को टीबी से संबंधित जानकारी दी और साथ ही जांच और उपचार के लिए प्रेरित भी किया। लोहा मंडी में कार्यरत टीमों को घर-घर भ्रमण के दौरान टीबी के तीन संभावित मरीज मिले।

अरविंद यादव ने बताया कि इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाहकार डॉ. स्टैफी द्वारा किशोरपुरा की दो टीमों का भ्रमण किया गया और लोहा मंडी टीबी यूनिट की समीक्षा की गई।

डीआर टीबी समन्वयक शशिकांत पोरवाल ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर रोगियों को खोजने के लिए जाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि टीबी के रोग को छिपाएं नहीं, बल्कि जांच कराकर उपचार को शुरू कराए।

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