Agra. जीआरपी आगरा कैंट को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जीआरपी आगरा कैंट ने खाकी की आड़ में यात्रियों के साथ लूटपाट करने वाले अन्तर्रजनपदीय गैंग के 3 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इस गैंग के सदस्यों से सोने चाँदी के आभूषण बरामद किए हैं जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 3 लाख रुपये थी। बदमाशों से पुलिस की नकली वर्दी एवं एक नकली पुलिस का फर्जी आई कार्ड भी बरामद हुआ है।
एमपी पुलिस की वर्दी पहनते थे
जीआरपी आगरा कैंट के अनुसार पकड़े गए युवक शातिर बदमाश है। यह गैंग बनाकर ट्रेनों में आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया करते है। यह बदमाश ट्रेनों में मप्र पुलिस की वर्दी धारण कर अपने साथियों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से चलती ट्रेनों में महिला यात्रियों के कीमती सामान की लूट/चोरी की वारदात को अंजाम देते है। इन शातिरों के पकड़े जाने पर इस गैंग का खुलासा हुआ है।
पकड़े गए आरोपी
- लोकेश पुत्र लाल सिंह नि0 नगला चन्द्रभान थाना हाईवे जनपद मथुरा उम्र-20 वर्ष,
- आकाश पुत्र थान सिंह नि0 मोहल्ला गणेशपुर फरिहा, थाना फरिहा, जिला फिरोजाबाद, उम्र-24 वर्ष,
3.अनिल पुत्र राजकिशोर नि0 ग्राम अमरूपुरा लादूखेड़ा थाना सैंया जनपद आगरा उम्र-23 वर्ष
जानकारी के मुताबिक जीआरपी आगरा कैंट चेकिंग में जुटी हुई थी। इस दौरान प्लेटफार्म नं0 4/5 रेलवे स्टेशन आगरा कैंट पर संदिग्ध व्यक्ति प्रतीत होने पर पूछताछ की गई तो तीनों शातिर बदमाश निकले। तुरंत तीनों को हिरासत में लिया और कानूनी कार्यवाही को अंजाम दिया।
जीआरपी आगरा कैंट के अनुसार आरोपियों से पूछताछ की गई तो पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि इनका एक साथी लोकेश जो कि मप्र पुलिस के आरक्षी की वर्दी को पहने रहता था, उसके साथ ट्रेन के एसी/स्लीपर कोचों में चढ़ जाते थे और ट्रेन में जो भी खाली सीट मिलती थी उसे अपनी सीट बताकर बैठ जाते थे। जब कोई पुलिस कर्मी या टीटीई द्वारा चेंकिंग की जाती है तो पुलिस की वर्दी पहने साथी लोकेश के कारण हम आसानी से बच जाते थे। यात्रा कर रहे ऐसे यात्री जो शादी समारोह में सम्मिलित होने या महिलायों के साथ कीमती सामान लेकर यात्रा कर रहे होते थे उनके साथ मेलजोल बढा लेते थे। इसी दौरान लोकेश ट्रेन के कोचों में घूमते हुए, जो यात्री सो रहे होते है के पास जाकर बैठ जाता था तथा मौका पाकर महिला यात्रियों के हैण्ड बैग एवं मोबाइल चोरी करके हम लोगों को दे देता था जिसे लेकर हम लोग ट्रेन के अन्य कोच/बाथरुम के पास जाकर बैगों में रखे कीमती सामान जैसे सोने चांदी के आभूषण, मोबाइल, नगदी आदि को निकालकर खाली बैग को वहीँ फेंक देते थे। जैसे ही ट्रेन की गति धीमी होती है या किसी रेलवे स्टेशन पर रुकती है तो सभी लोग वहीँ उतर जाते थे।