आगरा। बाल विवाह पर रोकथाम और केसों का फॉलोअप करने के लिए उ0प्र0 राज्य महिला आयोग द्वारा वाराणसी में बाल विवाह प्रतिषेध प्रकोष्ठ खोला गया है। इसी तर्ज पर आगरा में भी बाल विवाह प्रतिषेध प्रकोष्ठ खोले जाने की मांग बाल अधिकार कार्यकर्ता एवं महफूज संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने उठाई है। इसके लिए उन्होंने महिला आयोग को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि इससे बाल विवाह के मामलों में निश्चित ही कमी आएगी।
नरेश पारस ने नेशनल फैमिल हैल्थ सर्वे रिपोर्ट का अध्यन करके आंकड़ों के साथ प्रदेश में बाल विवाह की स्थिति से आयोग को अवगत कराया। आंकड़ों के विश्लेषण से ज्ञात हुआ कि प्रदेश में आज भी 21 फीसदी बाल विवाह होते हैं। बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रदेश में नियमावली बनाने की आवश्यकता है। नियमावली बनाने का अनुरोध भी आयोग से किया गया। जिस पर आयोग ने महिला कल्याण विभाग को पत्र जारी किया। इसके अनुपालन में महिला कल्याण विभाग ने इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया। कमेटी नियमावली बना रही है। इसी के साथ महफूज द्वारा भी नियमावती का ड्राफ्ट बनाकर आयोग को भेजा गया है।
जमीनी आंकड़ों का विश्लेषण करने पर संज्ञान में आया है कि बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर बाल विवाह तो रूक जाता है लेकिन कुछ समय बाल अन्यत्र जगह विवाह करा दिया जाता है। सही फॉलोअप न होने के कारण बाल विवाह के मामलों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। बाल विवाह रोकथाम टॉक्स फोर्स भी सक्रिय नहीं हैं। केवल चाइल्ड लाइन और पुलिस द्वारा ही बाल विवाह रोके जा रहे हैं। टॉस्क फोर्स का सहयोग नहीं लिया जाता है। बाल विवाह प्रतिषेध प्रकोष्ठ में बाल विवाह रोकथाम मामलों का फॉलोअप हो सकेगा।

नरेश पारस ने पत्र के माध्यम से कहा कि आगरा जनपद में भी बाल विवाह रोकथाम प्रकोष्ठ का गठन किया जाए, जहां बाल विवाह के मामलों का फॉलोअप हो सके। साथ ही प्रदेश के समस्त जिलों में बाल विवाह रोकथाम प्रकोष्ठ का गठन किया जाए। जिससे प्रदेश में बाल विवाह के मामलों में कमी आ सके।