आगरा। सिविल सोसायटी ने निर्माणाधीन सिविल एन्कलेव योजना में शामिल रहे कार्गो की सुविधा को हटाये जाने का मामला गरमाता चला जा रहा है। शनिवार को सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा की ओर से प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। प्रेसवार्ता के माध्यम से सोसाइटी के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सिविल एन्कलेव की योजना अस्तित्व में आने से पूर्व ही उसे निरंतर चोट पहुंचायी जा रही हैं। इनमें ताजा तरीन मामला सिविल एन्कलेव के लिये चिन्हित जमीन में से चार हेक्टयर जमीन कम खरीदने का मामला है। जिसको लेकर सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा ने हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इन तथ्यों को सामने रखने की गुजारिश की है।
आगरा सिविल एन्कलेव पर एयर कार्गो की सुविधा सरकार देना नहीं चाहती है इसलिये तो सरकार ने अभी तक पूरी जमीन नहीं खरीदी है। खरीदी गयी जमीन में चार हेक्टेयर जमीन कम है। इस कारण सिविल एन्क्लेव पर एयरकार्गो की सुविधा यहां संभव नहीं होगी।
प्रेसवार्ता के दौरान सिविल सोसाइटी के पदाधिकारियों का कहना है कि इस सुविधा का नयें सिविल एन्कलेव में न होना जरुरी है जिसका फायदा आगरा के सभी निर्यातकों और आयातकों को होगा और सरकार का राजस्व बढेगा। सोसाइटी ने सवाल उठाया कि जब रेलवे को आगरा से भरपूर मालढुलाई का कारोबार मिल सकता है तो फिर सिविल एवियेशन के कार्गों डिवजीन को क्यों नहीं।
सिविल टर्मिनल पर एयर फ्लाइट, कार्गो आदि के लिये प्रशासन और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के साथ २०१० में कई महत्व पूर्ण अप्रूवल पर कार्य कर चुके संजय चतुर्वेदी ने बताया कि आगरा एयरपोर्ट को कार्गो एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट करने कि परमिशन 21 नवंबर 1994 से है लेकिन अभी तक कानपुर और आगरा की एअरपोर्ट सुविधा डेवेलप नहीं हुई है और सरकार ने दोनों एयरपोर्ट को ठन्डे बस्ते में डाल दिया है। सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा इस का विरोध करती है। साथ ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ने आगरा में कार्गो अप्रूवल का नया GST नंबर नहीं लिया है। इसलिए AAI यह बात माननेे को तैयार नहीं है के आगरा में कार्गो इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट परमिशन है।