आगरा। संशोधन के बाद संसद से पास हुए एससी एसटी एक्ट के विरोध में सवर्णों की ओर 6 सितंबर को शांतिपूर्ण तरीके से भारत बंद कर अपनी आवाज को बुलंद करने का आव्हान किया था लेकिन सवर्णो का भारत बंद आंदोलन भी दलितों की तरह हिंसक हो गया।
सबसे पहले हिंसक घटना आगरा जिले के खेरागढ से आई। खेरागढ़ कस्बे में सवर्ण समाज की ओर से शांतिपूर्ण तरीके से बाजार बंद कराए जा रहा था लेकिन शांतिपूर्ण से चल रहे आंदोलन में कुछ उपद्रवियों ने वाहनों को रोकने के लिए मार्ग अवरुद्ध करना शुरू कर दिया। इसका विरोध हुआ तो उपद्रवियों ने कस्बे से गुजर रही एक बस को अपना निशाना बनाया। बस को पहले रोका गया फिर उसमें तोड़फोड़ की गई। इतना ही नहीं बस का ड्राइवर बस को भगाने लगा तो उस पर पथराव कर दिया। इस घटना की जानकारी होते ही क्षेत्रीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गए। उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए क्षेत्रीय पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। पुलिस के हत्थे जो उपद्रवी चढ़ा। पुलिस ने जमकर उसकी धुनाई कर डाली।
पीएम मोदी का पुतला फूंका
एससी एसटी एक्ट के विरोध में राजपुर चुंगी पर भी मोदी सरकार का पुतला दहन किया गया। लोगों ने अपने विरोध प्रदर्शन करते हुए राजपुर चुंगी चौराहे पर पुतला फूंक दिया।इसके अलावा थाना अछनेरा क्षेत्र के कस्बा रायभा में सर्वण समाज के लोगों पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला मोदी फूंका और मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए गए।
मूर्ति तोड़ फ़िज़ा बिगाड़ने की कोशिश
थाना शमशाबाद क्षेत्र में भी भारत बंद के दौरान अराजक तत्वों ने डॉ भीम राव अम्बेडकर की मूर्ति का सिर उड़ा दिया। इस घटना की जानकारी होते ही दलित समाज के लोग काफी संख्या में एकत्रित हो गए। वहीं भनक लगते ही प्रशासन व भारी बल के साथ पुलिस मौके पर पहुंच गई। इससे पहले कि कोई बड़ा उपद्रव होता प्रशासन ने सूझ बूझ से मामला टाल दिया।
इसके अलावा नेशनल हाईवे 2 पर हज़ारों की संख्या में उतरे लोगों ने कुबेरपुर चौराहे को पूरा जाम कर दिया। जाम को खुलवाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फ़ोर्स मौके पर पहुंचा।
सवर्णों के भारत बंद असर के चलते शहर के सभी प्रमुख बाजार भी बंद रहे। जिसमें नामनेर, खेरिया मोड़, अर्जुन नगर बिजलीघर, बालूगंज के बाजार पूरी तरह बन्द रहे।